नई दिल्ली। पूंजीगत सामान उत्पादन में गिरावट तथा खनन गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मार्च महीने में 4.4 प्रतिशत बढ़ा। औद्योगिक उत्पादन में पांच महीने में यह सबसे निम्न वृद्धि दर है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित औद्योगिक वृद्धि दर 2017-18 में 4.3 प्रतिशत रही। यह पूर्व वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत रही थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2018 में आईआईपी वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही, जो पिछले साल मार्च की वृद्धि दर के समान ही है। इससे पहले अक्टूबर 2017 में वृद्धि दर सबसे कम 1.8 प्रतिशत रही थी। सूचकांक में 77 प्रतिशत भारांश वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मार्च में 4.4 प्रतिशत थी, जो पिछले साल मार्च महीने में 3.3 प्रतिशत रही थी।
आलोच्य महीने में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मार्च 2017 में यह 10.1 प्रतिशत रही थी। इसी तरह बिजली उत्पादन की वृद्धि दर मार्च में घटकर 5.9 प्रतिशत रह गई, जो कि मार्च 2017 में 6.2 प्रतिशत रही थी।
आंकड़ों के अनुसार पूंजीगत सामान उत्पादन हालांकि मार्च में 1.8 प्रतिशत घटा, जबकि पिछले साल समान महीने में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 9.4 प्रतिशत रही थी। टिकाऊ उपभोक्ता सामान खंड का उत्पादन इस दौरान 2.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि मार्च 2017 में यह 0.6 प्रतिशत घटा था। इसी तरह वित्त वर्ष 2017-18 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही, जो 2016-17 में 4.4 प्रतिशत रही थी। आलोच्य वित्त वर्ष में खनन व बिजली उत्पादन क्षेत्र का उत्पादन सालाना आधार पर कम रहा।
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