A
Hindi News पैसा बिज़नेस औद्योगिक उत्पादन मार्च में 22.4 प्रतिशत बढ़ा, खुदरा मुद्रास्‍फीति अप्रैल में कम होकर 4.29 प्रतिशत रही

औद्योगिक उत्पादन मार्च में 22.4 प्रतिशत बढ़ा, खुदरा मुद्रास्‍फीति अप्रैल में कम होकर 4.29 प्रतिशत रही

पिछले पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईआईपी में 8.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 0.8 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।

Industrial production grows 22.4 pc in March,Retail inflation eases to 4.29 pc in April- India TV Paisa Image Source : PTI Industrial production grows 22.4 pc in March,Retail inflation eases to 4.29 pc in April

नई दिल्‍ली। देश के औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में एक साल पहले के मुकाबले 22.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं दूसरी ओर खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में कम होकर 4.29 प्रतिशत रही जो मार्च में यह 5.52 प्रतिशत थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बुधवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन मार्च 2021 में 25.8 प्रतिशत बढ़ा। खनन उत्पादन में आलोच्य महीने में 6.1 प्रतिशत जबकि बिजली उत्पादन में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

आईआईपी में पिछले साल मार्च में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं पिछले पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईआईपी में 8.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 0.8 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। औद्योगिक उत्पादन कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से प्रभावित है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं पिछले साल फरवरी में इसमें 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल में खाद्य क्षेत्र में खुदरा मुद्रास्फीति मार्च के 4.87 प्रतिशत से घटकर 2.02 प्रतिशत रही।

आईसीआरए की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आपूर्ति बाधाओं के चलते सूचकांक का आधार ऊंचा रहा, उसे देखते हुये अप्रैल 2021 में सीपीआई मूद्रास्फीति तीन महीने के सबसे कम स्तर पर चली गयी। हालांकि यह आंकड़ा भी उम्मीद से ऊंचा ही लगता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुल मिलाकर स्थानीय स्तर पर लगे प्रतिबंधों का कीमतों पर सीमित असर रहा है।

 

 

Latest Business News