नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए आज दो महत्वपूर्ण खबरें आईं, जिसमें से एक राहत देने वाली है तो दूसरी आफत। अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर जहां बढ़कर 4.9 प्रतिशत रही है, वहीं मई में रिटेल महंगाई दर भी बढ़कर 4.87 प्रतिशत हो गई है।
विनिर्माण और खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के चलते अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर बढ़कर 4.9 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले साल इसी महीने में औद्योगिक उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा था और इस वर्ष मार्च में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 77 प्रतिशत भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन अप्रैल में काफी अच्छा रहा। अप्रैल में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन पिछले साल के समान महीने की तुलना में 5.2 प्रतिशत बढ़ा। अप्रैल, 2017 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रही थी। इसी तरह अप्रैल में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान महीने में 3 प्रतिशत रही थी। हालांकि, समीक्षाधीन महीने में बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 5.4 प्रतिशत रही थी।
रिटेल महंगाई दर मई महीने में बढ़कर 4.87 प्रतिशत हुई
कुछ खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में बढ़कर 4.87 प्रतिशत पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पहले अप्रैल महीने में 4.58 प्रतिशत थी। वहीं पिछले साल मई महीने में यह 2.18 प्रतिशत थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार पिछले महीने खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 3.10 प्रतिशत पहुंच गई, जो अप्रैल में 2.8 प्रतिशत थी।
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