इंडस हेल्थ 25 राज्यों में करेगी विस्तार, एजेंटों की संख्या बढ़ाकर करेगी तीन लाख
उपयुक्त इलाज में मदद करने वाली कंपनी इंडस हेल्थ प्लस ने देश में दूर-दराज इलाकों तक सस्ती स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के इरादे से आक्रमक विस्तार योजना बनाई है।
नई दिल्ली। कम लागत पर स्वास्थ्य एवं नैदानिक जांच कर बीमारियों का समय रहते पता लगाकर उसके उपयुक्त इलाज में मदद करने वाली कंपनी इंडस हेल्थ प्लस ने देश में दूर-दराज इलाकों तक सस्ती स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के इरादे से आक्रमक विस्तार योजना बनाई है। इसके तहत जहां कंपनी अगले डेढ़ साल में 25 राज्यों तक अपनी सेवा पहुंचाएगी वहीं एजेंटों की संख्या मौजूदा 85,000 से बढ़ाकर तीन लाख तक करेगी। पुणे की कंपनी विभिन्न अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटर से जुड़कर लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है।
कंपनी ने अपोलो हॉस्पिटल, वोकहार्ट, मैक्स सुपर स्पेशीलिटी जैसे अस्पतालों एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ समझौता किया है। इंडस हेल्थ प्लस प्राइवेट लि. के मुख्य परिचालन अधिकारी हरीश पिल्लै ने कहा, सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 6.6 करोड़ मधुमेह से जबकि 7.2 करोड़ हृदय रोग से पीडि़त हैं। साथ ही ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसको देखते हुए हमने स्वास्थ्य एवं नैदानिक जांच कर बीमारियों का समय रहते रोकने के मकसद से दूर-दराज के क्षेत्र में पहुंच की योजना बनायी है। इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, फिलहाल हम 17 राज्यों के 78 शहरों में 122 केंद्रों के जरिए अपने ग्राहकों को सेवा दे रहे हैं। अगले दो साल में इस सेवा का विस्तार 25 राज्यों के विभिन्न शहरों में किया जाएगा। हमने 2018 तक ग्राहकों की संख्या 10 लाख पहुंचाने का लक्ष्य रखा है जो फिलहाल छह लाख है।
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हरीश पिल्लै ने कहा, इसके लिए हमने अगले दो साल में अपने एजेंटों की संख्या मौजूदा 85,000 से बढ़ाकर दो से तीन लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी एजेंटों को उपयुक्त प्रशिक्षण देती है और उनके जरिए लोगों तक पहुंचती है और इसके एवज में उन्हें कमीशन देती है। उन्होंने दावा किया कि उसके जरिए स्वास्थ्य परीक्षण एवं विभिन्न जांच की लागत निजी अस्पतालों या डायग्नोस्टिक सेंटर में होने वाली जांच खर्च से कहीं कम है। कंपनी ने 2017-18 तक अपना कारोबार बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा है। कारोबार 2015-16 में 100 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि हम फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात में काम कर रहे हैं और इस साल के आखिरी तक हमारी कतर, ओमान, सऊदी अरब, तुर्की और 2018 तक अफ्रीकी देशों में दस्तक देने की योजना है।