नई दिल्ली। पेप्सीको की चेयरपर्सन इंद्रा नूयी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को हासिल करने खासकर किसानों को समर्थन देने के मामले में सरकार के प्रयासों में कंपनी की भागीदारी की पेशकश की।
नूयी ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे पेप्सीको की नई क्वैकर ओट्स उत्पाद भारतीय ग्राहकों के स्वास्थ्य में सुधार में योगदान दे सकते हैं। इन उत्पादों को परंपरागत विधि से तैयार किया गया है।
इंद्रा ने एक बयान में कहा, मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि पेप्सीको राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को हासिल करने में सरकार की मदद के लिए अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि उनके साथ पेप्सीको के निवेश पर भी बातचीत हुई। हमने भारत में उत्पदित फलों के जून के उपयोग के बारे में बात की।
- 2013 में पेप्सीको ने देश में 2020 तक 33,000 करोड़ रुपए नवेश करने की घोषणा की थी।
- यह घोषणा कंपनी ने अपने उत्पादन को दोगुना करने के लिए की थी।
पेप्सिको के कारोबार पर नोटबंदी का असर लंबे समय तक रहेगा
नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है। दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, ‘‘नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इससे खुदरा व्यापारी भी प्रभावित हुए हैं। अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है।’
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