Taxi for All: भारत की टैक्सी में सवार होने के लिए दुनिया भर के निवेशक तैयार, लोगों को मिलेगी सस्ती सर्विस
बीते तीन हफ्ते भारत की टैक्सी इंडस्ट्री के लिए काफी एक्शन वाला रहा है। इससे देश में टैक्सी इंडस्ट्री हमेशा के लिए तस्वीर बदल सकती है।
नई दिल्ली। बीते तीन हफ्ते भारत की टैक्सी इंडस्ट्री के लिए काफी एक्शन वाला रहा है। इससे देश में टैक्सी इंडस्ट्री हमेशा के लिए तस्वीर बदल सकती है। नवंबर के मध्य से लेकर दिसंबर के शुरुआत तक टैक्सी कंपनियों ने बाद एक ताबड़ तोड़ टाई-अप और पैसे जुटाए हैं। पिछले महीने ऐप-बेस्ड टैक्सी सर्विस देने वाली भारतीय कंपनी ओला ने करीब 3,306 करोड़ रुपए जुटाए हैं। दूसरी ओर उबेर भी भारत में अपनी टैक्स सर्विस का विस्तार करने के लिए टाइगर ग्लोबल से बातचीत कर रही है। ऐसे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा। वहीं, दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पेश हुआ ऑड-इवेन फॉर्मूला भी टैक्सी इंडस्ट्री को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाएगा।
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एक के बाद एक टाई-अप
घरेलू ऐप-बेस्ड टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी ओला ने 18 नवंबर को बेली जिफॉर्ड, टाइगर ग्लोबल, साफ्टबैंक ग्रुप और अन्य से 50 करोड़ डॉलर (करीब 3,299 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। इसमें चीन की सबसे बड़ी टैक्सी कंपनी दीदी क्वेदी भी शामिल है। पैसा जुटाना बेंगलुरु की स्टार्टअप के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
3 दिसंबर को ऐप के जरिये टैक्सी सर्विस देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी उबेर के बढ़ते कारोबार को रोकने के लिए दुनियाभर की अन्य बड़ी कंपनियों ने एक नई रणनीति बनाई। इस नई रणनीति के तहत भारत की सबसे बड़ी टैक्सी ऐप कंपनी ओला, चीन की दीदी क्वेदी, अमेरिका की लिफ्ट और मलेशिया की ग्रेब टैक्सी ने आपसी गठजोड़ किया है। इसका सीधा मतलब यह है कि यदि कोई ओला ग्राहक चीन, साउथ ईस्ट एशिया या अमेरिका की यात्रा पर जाता है, तो वह ओला की ऐप से ही वहां टैक्सी बुक कर सकता है।
उबेर भी ओला से टक्कर लेने के लिए जुटा रही है पैसा
दूसरी ओर ब्लूमबर्ग के मुताबिक उबेर टाइगर ग्लोबल से पैसे जुटाने के लिए बातचीत कर रहा है। उबेर ने भारत में 1 अरब डॉलर का निवेश कर अपनी सर्विस के विस्तार की योजना बनाई है। उबरे वर्तमान में 57 देशों में अपनी सेवाएं संचालित कर रही है, जिसकी अनुमानित लागत 40 अरब डॉलर है। यह रोचक बात यह है कि जहां उबेर के खिलाफ दुनियाभर की कंपनियां एकजुट हो रही हैं, वहीं उबेर ने 2.5 अरब डॉलर की राशि जुटाने की घोषणा की है। फंडिंग के इस ताजा चरण के बाद उबेर की मार्केट वैल्यू 62.5 अरब डॉलर हो गई है। कुछ महीने पहले ही उबेर ने कुछ चुनिंदा शहरों में फूड डिलीवरी सर्विसे भी शुरू की है।
दिल्ली सरकार के फैसले से मिलेगा टैक्सी को फायदा
बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-इवेन नंबर के हिसाब प्राइवेट गाड़ियों को चलने का फॉर्मूला बनया है। इससे टैक्स की मांग बढ़ने की संभावना है। फिलहाल दिल्ली सरकार इससे ट्रायल के रूप में एक जनवरी से 15 जनवरी तक चलाएगी। सरकार ने फैसला लिया है कि अब दिल्ली में सम और विषम गाड़ियों का नियम सुबह आठ से रात आठ बजे तक ही लागू रहेगा। सरकार के फैसले के मुताबिक ऑड नंबर वाली कारें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलेंगी जबकि इवेन नंबर वाली कारें मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को चलेंगी।