नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने भारत में लगातार आर्थिक सुधार प्रक्रिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ग्लोबल आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत का सितारा बुलंद है। आईएमएफ प्रमुख ने एशिया को विश्व का सबसे गतिशील क्षेत्र बताया और कहा कि यह क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों में नरमी के बावजूद अगले चार साल में ग्लोबल ग्रोथ में करीब दो-तिहाई के बराबर योगदान कर सकता है।
मेक इन इंडिया का भी किया जिक्र
क्रिस्टीन लेगार्ड ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में महत्वपूर्ण सुधारों की प्रकिया तेजी से ही चल रहा है। उन्होंने मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज कर रही भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा और अब तक की सबसे युवा श्रमशक्ति बनने की कगार पर है। इस सम्मेलन का आयोजन वित्त मंत्रालय और आईएमएफ ने मिलकर किया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाग लिया।
तस्वीरों में देखिए मोदी की विदेश यात्रा
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हम चालू खाते का घाटा उठाकर भी मांग बढ़ाते है: मोदी
मोदी ने कहा कि हमने जिसके साथ व्यापार किया है, उसे नुकसान पहुंचाकर कभी मुनाफा कमाने की कोशिश नहीं की है। पीएम ने कहा कि हम वृहद आर्थिक नीति में अपने पड़ोसी को भिखारी बनाओ का अनुपालन नहीं करते। हमने कभी अपनी मुद्रा का विनिमय दर कम नहीं किया है। हम चालू खाते का घाटा उठाकर भी वैश्विक और एशियाई मांग बढ़ाते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार जारी हैं, पर ये अभी तक वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की वास्तविकताओं को दर्शा नहीं पाए हैं।
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