भारत में बढ़ रही है ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स की संख्या, फेसबुक, व्हाट्सएप और फ्री म्यूजिक डाउनलोड है पहली पसंद
12 करोड़ ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स अपने सस्ते मोबाइल फोन के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल सोशल नेटवर्क पर इमेज शेयर करने में कर रहे हैं।
नई दिल्ली। संजू देवी, जो कि एक हैंडीक्राफ्ट कलाकार हैं, आजकल व्हाट्सएप का उपयोग खूब जमकर कर रही हैं। बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के भूसारा गांव में रहने वालीं 40 वर्षीय संजू देवी पिछले एक साल से इस मैसेजिंग एप का उपयोग भारत और भारत से बाहर अपने ग्राहकों को एम्ब्रोएडरी की फोटो भेजने के लिए कर रही हैं। संजू देवी का कहना है कि यह बहुत सुविधाजनक है। अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए वह पहले अपने बेटे के मोबाइल का इस्तेमाल करती थीं। पिछले साल उनका बेटा पढ़ाई के लिए दूसरी जगह चला गया और उन्होंने अपने सैमसंग स्मार्टफोन के लिए नया 2जी कनेक्शन ले लिया। संजू देवी हर माह अपने मोबाइल बिल पर 300 से 1000 रुपए खर्च करती हैं। संजू देवी उन 12 करोड़ ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स में से एक हैं, जो अपने सस्ते मोबाइल फोन के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। कम कीमत वाले डाटा प्लान का उपयोग करते हुए यह भारतीय सोशल नेटवर्क पर इमेज शेयर और गाने तथा वीडियो डाउनलोड कर रहे हैं। ग्रामीण भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल पहले की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
ऐसे ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेरिका की मैनेजमेंट और बिजनेस कंसल्टेंसी फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारत में ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 31.5 करोड़ हो जाएगी। बीसीजी ने भारत के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट उपयोग के पैटर्न को समझने के लिए 14 भारतीय शहरों के 27 गांवों में 4,000 ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच सर्वे किया और यह रिपोर्ट तैयार की।
कौन हैं सबसे आगे?
ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट उपयोग के मामले में महिलाओं की तुलना में पुरुष बहुत आगे हैं। शहरों की स्थिति अलग है, यहां इंटरनेट इस्तेमाल के मामल में महिलाओं की संख्या अच्छी खासी है।
किस तरह करते हैं इंटरनेट का इस्तेमाल? शहरों में, फेसबुक सबसे ज्यादा यूज होने वाला एप बना हुआ है और लोग इसका इस्तेमाल फोटो और वीडियो शेयरिंग के लिए सबसे ज्यादा करते हैं। ग्रामीण इलाकों में यह अकेला ऐसा एप है जो फोन में इंस्टॉल है। इसलिए ये समाचार और वीडियो के लिए एक प्रमुख स्रोत है। कीमतों के प्रति संवेदनशील ग्रामीण उपभोक्ता अधिक दक्ष ब्राउजर जैसे यूसी वेब ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, जो कि डाटा कीमत को कम करता है। फ्री एप्स जैसे सांग्स पीके (फ्री म्यूजिक डाउनलोड) और व्हाट्सएप का भी ग्रामीण उपभोक्ता सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीण भारत में इंटरनेट के जरिये समाचार हासिल करने का चलन बहुत ज्यादा और तेजी से बढ़ रहा है। डेलीहंट एप और हिंदी अखबार दैनिक जागरण की एप ग्रामीण इलाकों में ज्यादा लोकप्रिय है।
कैसे जुड़ते हैं इंटरनेट से?
अधिकांश ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स 2जी या 3जी नेटवर्क के साथ सस्ते हैंडसेट का उपयोग करते हैं। सस्ते डाटा प्लान के साथ आने वाले मोबाइल फोन मॉडल्स ने ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ाने में बड़ी मदद की है। 2014 से 2015 के बीच ऐसे ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 8.7 करोड़ पर पहुंच गई।
ऑनलाइन शॉपिंग में पीछे है ग्रामीण भारत
गांवों में ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। इसका मुख्य कारण निम्न क्रय क्षमता और खराब कनेक्टीविटी है। बीसीजी का अनुमान है कि सुविधा और डिस्काउंट की वजह से 2015 से 2016 के बीच ग्रामीण भारत में ऑनलाइन खरीदारी मौजूदा 4 फीसदी से दोगुना बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगी। हालांकि, तकरीबन 15 फीसदी ग्रामीण उपभोक्ता इंटरनेट का इस्तेमाल प्रोडक्ट के बारे में जानने या खरीदने के लिए करते हैं, यहां तक कि वे अपनी संतुष्टी या असंतुष्टी का भी इजहार इसके जरिये करते हैं।
Source: Quartz