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आर्थिक सुधारों को मिला अपग्रेड रेटिंग का डोज, नीति आयोग और सेबी ने मूडीज के कदम को बताया सकारात्‍मक

भारत की वित्तीय साख को ऊंची श्रेणी में रखने के रेटिंग एजेंसी मूडीज के निर्णय को नीति आयोग और बाजार विनियामक सेबी ने एक सकारात्‍मक कदम करार दिया है।

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मुंबई। भारत की वित्तीय साख को ऊंची श्रेणी में रखने के रेटिंग एजेंसी मूडीज के लंबे समय से प्रतीक्षित निर्णय को नीति आयोग और बाजार विनियामक सेबी ने एक सकारात्‍मक कदम करार दिया है।

नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने मूडीज द्वारा रेटिंग बढ़ाए जाने को देश की वृद्धि की प्रतिछाया करार दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि एसएंडपी और फिच जैसी वैश्विक एजेंसियां भी इसका अनुसरण करेंगी। कुमार ने एक ट्वीट में कहा, मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग सुधारा जाना देश की वृद्धि का परिचायक है और यह न्यू इंडिया के आर्थिक सिद्धांतों का अनुमोदन करता है। उम्मीद है कि अन्य एजेंसियां भी इसका अनुसरण करेंगी।

सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी ने मूडीज के इस कदम को एक सकारात्मक मोड़ बताते हुए कहा कि यह इस बात की स्वीकृति है कि सरकार ने सुधार के लिए जो कदम उठाए हैं वे सही दिशा में हैं। सेबी प्रमुख त्यागी ने कहा मूडीज के आकलन में भारत की रेटिंग बढ़ा कर बीएए2 किए जाने से विदेशी पूंजी प्रवाह सहित निवेश में और तेजी आएगी।

त्यागी ने दिवाला एवं ऋण शोधन संहिता पर यहां बंबई शेयर बाजार (बीएसई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में संवाददाताओं के साथ अलग से बातचीत में कहा कि यह एक सकारात्मक खबर है। यह हकीकत है कि सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में बहुत से सुधार किए हैं। उन्होंने आगे कहा, अंतत: रेटिंग एजेंसी ने इन कदमों को मान्यता दी और रेटिंग में सुधार किया। हालांकि यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। इससे बस यह प्रमाणित होता है कि जो भी सुधार किए गए हैं वे सभी सही दिशा में हैं।

आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास ने भी एक ट्वीट में कहा कि मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार किया है। यह आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की सुस्पष्ट पहल, कारोबारी माहौल में सुधार और सकारात्मक वृद्धि परिदृश्य को स्पष्ट मान्यता मिलना है।

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