नई दिल्ली। मौसम विभाग द्वारा इस साल अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी के बीच आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने अनुमान लगाया कि 2016-17 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर मामूली सुधरकर 7.7 फीसदी रहेगी। लगातार दो साल सूखे के चलते कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर कमजोर रही। कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों की जीडीपी वृद्धि दर 2014-15 व 2015-16 में 0.5 फीसदी तक रही। लगातार दो साल तक मानसून कमजोर रहने के कारण खाद्य व गैर-खाद्य फसलों के उत्पादन पर काफी असर रहा।
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एनसीएईआर ने अर्थव्यवस्था की त्रैमासिक समीक्षा में कहा है कि मौसम विभाग ने 2016-17 में सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है जिससे कृषि और अंतत: अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर हो सकता है। आर्थिक शोध संस्थान ने कहा, एनसीएईआर के 2011-12 के मूल्यों के आधार पर जीडीपी का अनुमान 2015-16 के लिये 7.6 फीसदी और 2016-17 के लिए 7.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
इसमें आगे कहा गया है कि 2016-17 में निर्यात में सालाना आधार पर 1.6 फीसदी और आयात में 0.6 फीसदी गिरावट का अनुमान है। वर्ष के लिए थोक मूल्य मुद्रास्फीति 0.9 फीसदी और जीडीपी के समक्ष चालू खाते का घाटा एक फीसदी कम रहने और राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.5 रहने का अनुमान लगाया गया है।
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