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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 353.40 अरब डॉलर

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 353.40 अरब डॉलर

18 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह मुद्रा भंडार 2.544 अरब डॉलर बढ़कर 353.408 अरब डॉलर हो गया। इसका कारण प्रमुख मुद्रा आस्तियों में हुई पर्याप्त वृद्धि है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़ा, पहुंचा 353.40 अरब डॉलर के स्‍तर पर- India TV Paisa भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़ा, पहुंचा 353.40 अरब डॉलर के स्‍तर पर

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़ा है। 18 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह मुद्रा भंडार 2.544 अरब डॉलर बढ़कर 353.408 अरब डॉलर हो गया। इसका कारण प्रमुख मुद्रा आस्तियों में हुई पर्याप्त वृद्धि है।

लगातार दो सप्ताह की गिरावट के बाद देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार पिछले सप्ताह के अंत से 4.075 अरब डॉलर बढ़कर 350.86 अरब डॉलर हो गया था।  रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.524 अरब डॉलर बढ़कर 329.999 अरब डॉलर की हो गईं। डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियां भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसी गैर अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि और मूल्यहा्रस के प्रभावों को भी अभिव्यक्त करती हैं।

स्वर्ण आरक्षित भंडार 19.324 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष निकासी अधिकार 72 लाख डॉलर बढ़कर 1,486 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार 1.27 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.597 अरब डॉलर हो गया।

पहली छमाही में 3.55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जुटाएगी सरकार 

सरकार अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर,2016 के दौरान बाजार से 3.55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जुटाएगी। यह अगले वित्त वर्ष के लिए कुल सकल कर्ज का 59 फीसदी है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में सकल ऋण 3.55 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। इसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपए पुनर्भुगतान के बाद बाजार से लिया गया शुद्ध ऋण 2.48 लाख करोड़ रुपए बैठेगा।

सरकार ने बजट में 2016-17 में सकल बाजार ऋण छह लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है, वहीं शुद्ध ऋण 4.2 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है। सरकार अपने घाटे को पूरा करने के लिए टी-बिल्स और अन्य माध्यमों से धन जुटाती है।

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