सोनीपत। सोनीपत (हरियाणा) के नजदीक कुंडली की एक कंपनी ने सीएनजी और डीजल दोनों प्रकार के इंधन से चलने वाला डुअल रेल इंजन तैयार किया है। इसको टेस्ट के लिए रविवार को पटरियों पर उतारा गया। इस इंजन को बनाने वाली कंपनी ने बताया कि सीएनजी वाली ट्रेन नई दिल्ली-रोहतक के बीच चलाया जाएगा। बाद में इसे ऐसे मार्गो पर भी चलाया जा सकता है जहां सीएनजी उपलब्ध होगी। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला इंजन है।
सीएनजी से चलेगी, डीजल की होगी बचत
कांटीनेंटल इस्टर्न एजेंसी ने एक पुराने डीजल इंजन को दोहरे इंजन में बदला है जो डीजल के अलावा सीएनजी से भी चलाया जा सकता है। कंपनी के प्रबंध निदेशक एसके वर्मा ने बताया कि इस इंजन से डीजल की बचत हो सकती है और इससे प्रदूषण भी नहीं होगा। जानकारी के अनुसार इस काम में करीब सवा करोड़ रुपए और दो साल का समय लगा है। पोर्ट इंजेक्शन टेक्नोलॉजी से तैयार इस इंजन को 20 दिन तक चला कर इसका परीक्षण किया जाएगा।
डीजल के 20 फीसदी के बराबर लगेगी सीएनजी
रेलवे से एक डीजल इंजन (नंबर 11043) जुलाई 2013 में डुअल इंजन के रूप में परिवर्तित करने लिए लाया गया था। जर्मनी और भारतीय रेल के इंजीनियरों के साथ मिल कर इस काम में कंपनी को दो साल से कुछ अधिक समय लगा। संशोधन के दौरान करीब तीन बार यह इंजन ठप पड़ गया था। वर्मा ने कहा कि इस इंजन में लगने वाले डीजल के 20 फीसदी के बराबर सीएनजी लगेगी। वर्मा के मुताबिक इंजन में एक हजार किलोमीटर तक जाने के लिए पर्याप्त सीएनजी, डीजल भरा जा सकेगा। इंजन में करीब चार सौ किलोग्राम सीएनजी आएगी। सीएनजी समाप्त होने पर इसे अकेले डीजल से भी चलाया जा सकेगा।
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