चेन्नई। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत का चालू खाता घाटा (कैड) 10 अरब डॉलर बढ़कर 30 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। कैड में इजाफे की प्रमुख वजह ऑयल और गोल्ड का इंपोर्ट बढ़ना है। हालांकि, चालू खाते के घाटे के फाइनेंनसिंग दबाव को नॉन-रेजिडेंट इंडियन (एनआरआई) द्वारा 2018 में जमा कराए जाने वाले पैसे से सहारा मिलेगा।
- आईसीआरए ने अनुमान लगाया है कि कच्चे तेल और सोने की कीमत तथा आयात मात्रा में बढ़ोतरी से कैड में इजाफा होगा।
- इसकी वजह से चालू खाता घाटा 2017 में करीब 20 अरब डॉलर और 2018 तक 30 अरब डॉलर पहुंच जाएगा।
आईसीआरए के प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि,
2018 में सामानों का निर्यात 5-6 फीसदी बढ़ सकता है। हालांकि, सर्विस ट्रेड सरपल्स और वैश्विक रुझान 2018 में अच्छा नहीं दिख रहा है।
- आईसीआरए के अनुसार 2018 में कच्चे तेल की औसत कीमत 55 डॉलर प्रति बैरल रह सकती है।
- वहीं, 2017 में 48 डॉलर प्रति के आसपास रहने की संभावना है।
- इसी तरह तेल का कुल आयात 2018 में 24 फीसदी बढ़कर 65 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है।
- 2017 तक के लिए आईसीआरए ने 54 अरब डॉलर का अनुमान लगाया है।
- आईसीआरए के मुताबिक फर्टिलाइजर का आयात मामूली बढ़कर 5.4 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
- अगले वित्त वर्ष में कोयले का आयात 13.6 अरब डॉलर रह सकता है।
- रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि आयात और निर्यात के बीच व्यापार घाटे में अंतर- 2017 में 114 अरब डॉलर से 125 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
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