नई दिल्ली। कम रकबे के बावजूद देश में गेहूं का उत्पादन 2015-16 में पिछले साल के उत्पादन (8.89 करोड़ टन) से अधिक रहने की उम्मीद है। शुक्रवार को कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि अनुकूल मौसम की वजह से गेहूं उत्पादन अधिक रहने की संभावना है। पिछले साल 2014-15 में सूखे एवं बेमौसम बारिश के कारण गेहूं का उत्पादन घटकर 8.89 करोड़ टन रहा था, जो इससे पूर्व वर्ष में 9.59 करोड़ टन था।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस समय गेहूं फसल की स्थिति अच्छी है। इसका कारण पिछले कुछ सप्ताह से तापमान का कम बने रहना है। फसल उत्पादकता में आगे सुधार की संभावना है क्योंकि मौसम विभाग ने फरवरी-मार्च के दौरान अनुकूल मौसम की भविष्यवाणी की है। इस साल उत्पादन पिछले साल के स्तर से कहीं अधिक रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की बुवाई का काम लगभग पूरा हो गया है और 10 राज्यों में भीषण सूखे की स्थिति के बावजूद गेहूं के अंतर्गत कुल रकबा 2.93 करोड़ हेक्टेयर है, जो पिछले साल से केवल 4.38 फीसदी कम है।
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उन्होंने कहा कि गेहूं का रकबा कम हुआ है क्योंकि किसानों ने अच्छी आय के लिए दाल एवं कुछ बागवानी फसलों की खेती शुरू की है। गेहूं उत्पादन में कमी की आशंका को दूर करते हुए कृषि सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि फिलहाल चिंता का कोई कारण नहीं है। क्योंकि हाल में तापमान में गिरावट से हमें उत्पादकता में लाभ होगा और गेंहू का उत्पादन 2014-15 से कहीं अधिक रहने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल मुख्य रूप से फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश से गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ था। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना होगा क्योंकि मौसम विभाग ने अगले दो महीने तक मौसम स्थिर रहने की भविष्यवाणी की है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान निदेशालय की प्रमुख इंदु शर्मा ने कहा कि अगर फरवरी के बाद तापमान सामान्य से अधिक नहीं बढ़ता है तो उत्पादन को किसी प्रकार का झटका नहीं लगेगा।
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