नई दिल्ली। देश में जल्द ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। रेलवे 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले इंजन को भारत लाने जा रही है। जर्मनी ने भारत के लिए हाई स्पीड इंजन को तैयार कर लिया है। सोमवार को जर्मनी में इंजन का ट्रायल किया गया। इतना ही नहीं ट्रेन को स्पीड से चलाने के लिए दो इंजन लगाने की भी जरूरत नहीं होगी। भारत शुरुआत में जर्मनी 19 इंजन खरीदेगा और बाद में इसके आधार पर 1000 इंजनों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। हाई स्पीड इंजन आने के बाद दिल्ली से मुंबई सिर्फ 8 घंटे में पहुंच सकेंगे। फिलहाल इस सफर में 26 घंटे 20 मिनट का समय लगता है।
इंजन की ये है खासियत
- इन इंजनों की स्पीड तो 200 किमी प्रति घंटे की होगी ही।
- इसके अलावा इनकी क्षमता वर्तमान इंजनों से दोगुनी होंगी।
- भारतीय रेलवे के वर्तमान इंजन की क्षमता 6 हजार हॉर्स पावर है।
- जर्मनी से मिलने वाले इंजन की क्षमता 12 हजार हॉर्स पावर होगी।
- यह इंजन बिहार के मधेपुरा की इंजन फैक्टरी में तैयार किए जाएंगे।
तस्वीरों में देखिए दुनिया की सबसे तेज ट्रेन
World fastest train Hyperloop
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दो इंजनों को लगाने की नहीं होगी जरूरत
- माल ढुलाई और पहाड़ी इलाकों में चलने वाली कई पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए दो-दो इंजनों का इस्तेमाल करना पड़ता है।
- नए इंजन आ जाने से दो की जगह एक ही इंजन से यह काम किया जा सकेगा।
- रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कंपनी के साथ हुए करार के तहत इंजनों का निर्माण और ट्रायल जर्मनी में हुआ है।
- अन्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन्हें भारत लाया जाने लगेगा।
- इन इंजनों के आने का फायदा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को भी होगा।
- 2019 के बाद मालगाड़ियां उस कॉरिडोर पर शिफ्ट होना शुरू हो जाएंगी।
- इन इंजनों का फायदा यह भी होगा कि इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी।
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