नई दिल्ली। भारत में विभिन्न सेक्टर्स में कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी 2018 में लगभग 10 प्रतिशत बढ़ेगी। यह 2017 में वास्तविक वेतन वृद्धि के बराबर ही रहेगी। परामर्श, ब्रोकिंग और सॉल्यूशन कंपनी विलिस टॉवर्स वाट्सन द्वारा जारी Q3 2017 सैलरी बजट प्लानिंग रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल वेतन में वृद्धि 10 प्रतिशत रहना अनुमानित है, जो कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि होगी।
सालाना आधार पर वेतन वृद्धि में गिरावट के बावजूद, भारतीय कर्मचारियों को 2011 के बाद 2018 मे पहली बार सिंगल डिजिट सैलरी इनक्रीज भी देखने को मिल सकती है। ताजा जारी रिपोर्ट में बीपीओ, रसायन, निर्माण व अभियांत्रिकी, कंज्यूमर प्रोडक्ट व खुदरा, वित्तीय सेवा, उच्च प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, मीडिया, फार्मास्युटिक्ल, स्वास्थ्य विज्ञान व कारोबार जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसके अनुसार यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत क्षेत्र में जुलाई महीने में 4000 भागीदारों की राय पर आधारित है। इसमें भारतीय बाजार में लगभग 300 कंपनियों ने भाग लिया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले साल सबसे अधिक वेतन वृद्धि ऊर्जा, एफएमसीजी और रिटेल क्षेत्रों में अनुमानित है। इन क्षेत्रों में ओवरऑल वृद्धि की तुलना में 10.5 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि हो सकती है। यह रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सुधार और रिटेल सेक्टर में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन बिक्री बढ़ने को को प्रदर्शित करता है।सबसे ज्यादा बदलाव फार्मा सेक्टर में आने का अनुमान है जहां 2017 में 11 प्रतिशत सैलरी बढ़ी थी, वहीं 2018 में इसका अनुमान 10.3 प्रतिशत है। फाइनेंशियल सेक्टर अकेला ऐसा सेक्टर है जहां अनुमानित वृद्धि ओवरऑल अनुमान से कम है।
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