नई दिल्ली। भारतीय रुपए में लगातार कमजोरी का रुख जारी है। बुधवार के सत्र में रुपया 9 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 11 पैसे कमजोर होकर 68.36 पर खुला है। जबकि, मंगलवार को रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ था। दिसंबर में ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद से अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है।
क्यों है रुपए में कमजोरी
- अमेरिकी डॉलर 13 साल की ऊंचाई पर है, वहीं शेयर बाजारों में गिरावट से रुपए पर दबाव बढ़ गया है।
- इस महीने के दौरान रुपए में करीब 3.75 फीसदी की कमजोरी आ चुकी है।
- एक्सपर्ट्स कहते है कि ट्रंप सरकार आने वाले दिनों में चुनावी वादों के मुताबिक टैक्स में कटौती के साथ-साथ सरकारी खर्च में कटौती करने का फरमान दे सकती है।
- इन दोनों कटौती के असर से डॉलर मजबूत होने की उम्मीद पर बीते दो दिनों से मुद्रा बाजार में डॉलर सबकी पसंद बना हुआ है।
लिहाजा अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मांग तेज है। - रुपए पर पहले से ही डिमॉनेटाइजेशन का दबाव है।
- अब डॉलर की मजबूती उसके लिए दोहरी चोट साबित हो रही है.
रुपए में और तेज गिरावट की आशंका
- केडिया कमोडिटी के एनालिस्ट अजय केडिया का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में तेजी से रुपए पर लगातार दबाव बढ़ा है।
- कमजोरी के इस माहौल में डॉलर के मुकाबले रुपया 68.50-68.80 तक टूटने की आशंका है।
- यदि डॉलर के मुकाबले रुपये ने 68.50-68.80 का स्तर भी तोड़ दिया, तो फिर 69.50 तक के स्तर मुमकिन हैं।
- FIIs (फॉरेन इन्सीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) की लगातार बिकवाली और डॉलर इंडेक्स में मजबूती से रुपए पर आगे भी दबाव बरकरार रहने की आशंका है।
मंगलवार को रुपए में रही 10 पैसे की बड़ी गिरावट
- डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 10 पैसे की कमजोरी के साथ 68.25 के स्तर पर बंद हुआ।
- वहीं, सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की कमजोरी के साथ 68.16 के स्तर पर सपाट बंद हुआ था।
- पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 32 पैसे टूटकर 68.12 के स्तर पर बंद हुआ था।
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