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Hindi News पैसा बिज़नेस भारतीय रेलवे के निजीकरण की तैयारी शुरू! इन दो रूटों पर IRCTC चलाएगा तेजस एक्सप्रेस, जानिए किराया व डिटेल

भारतीय रेलवे के निजीकरण की तैयारी शुरू! इन दो रूटों पर IRCTC चलाएगा तेजस एक्सप्रेस, जानिए किराया व डिटेल

भारतीय रेल के निजीकरण को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कुछ खास ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के तहत, भारतीय रेलवे ने दो ट्रेनों का संचालन आईआरसीटीसी को सौंपने का फैसला लिया है। रेलवे ने तय किया है कि वह दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल रूट पर चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन आईआरसीटीसी को सौंपेगा।

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नई दिल्ली। भारतीय रेल के निजीकरण को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कुछ खास ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के तहत, भारतीय रेलवे ने दो ट्रेनों का संचालन IRCTC को सौंपने का फैसला लिया है। रेलवे ने तय किया है कि वह दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल रूट पर चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन आईआरसीटीसी को सौंपेगा। हालांकि, यह एक ट्रायल होगा, यदि यह ट्रायल सफल होता है तो अन्य रूट्स की जिम्मेदारी भी IRCTC को दी जा सकती है। ऐसा पहली बार होगा कि IRCTC को पूरी ट्रेन की जिम्मेदारी ही सौंप दी जाएगी। 

आईआरसीटीसी ही तय करेगा किराया
सूत्रों के मुताबिक, पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों रूट्स पर तेजस एक्सप्रेस का किराया फ्लैक्सिबल होगा, जिसे IRCTC तय करेगा। बता दें कि साल 2016 में भारतीय रेलवे में फ्लेक्सी फेयर स्कीम शुरू की गई थी। इसके तहत, देश की करीब 142 प्रीमियम ट्रेन, जैसे शताब्दी, दूरंतो और राजधानी में, 10 प्रतिशत सीट बिकने के साथ-साथ, किराये में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। फ्लेक्सी फेयर केवल एसी फर्स्ट क्लास और एग्जीक्यूटिव क्लास में नहीं लगता।

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एक नजर में जानिए IRCTC की ट्रेन में क्या कुछ होगा खास
  • यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा और दोनों ही ट्रेनों में किसी भी प्रकार की छूट, विशेषाधिकार और ड्यूटी पास नहीं दिया जाएगा। 
  • IRCTC को सौंपी गई ट्रेनों को लेकर रेलवे ने साफ कहा है कि इन ट्रेनों में रेलवे स्टाफ की ओर से टिकटों की चैकिंग नहीं की जाएगी।
  • इस संबंध में तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के अनुसार, आईआरसीटीसी को इन दोनों रूट्स पर तेजस एक्सप्रेस चलाने की जिम्मेदारी 3 साल के लिए दी जाएगी। 
  • इन दोनों ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाएं शताब्दी ट्रेनों जैसी होंगी। साथ ही ट्रेनों के अंदर बाहर विज्ञापन देने का अधिकार आईआरसीटीसी के पास ही होगा। ट्रेनों की ब्रांडिंग का अधिकार भी आईआरसीटीसी के पास ही होगा।
  • रेल की सुरक्षा को प्रभावित किए बिना आईआरसीटीसी अंदर संशोधन भी कर सकती है। ट्रेनों में 18 कोच होंगे, हालांकि एक साल के लिए आईआरसीटीसी 12 कोच की ही दोनों ट्रेनें चलाएगी। दोनों ट्रेनों हफ्ते में 6 दिन चलेंगी।
  • दोनों ट्रेनों के रेवेन्यू अकाउंट को अलग-अलग रखा जाएगा, ढुलाई शुल्क का हिसाब प्रति ट्रिप पर लगाया जाएगा।
  • टिकट बुकिंग के लिए एक साल तक IRCTC रेलवे के ही वेब पोर्टल का इस्तेमाल करेगी। रेलवे बोर्ड ने हालांकि IRCTC को साथ-साथ अपना टिकट सिस्टम बनाने के लिए भी कहा है।  
  • वहीं, कोई भी दुर्घटना होने पर यात्रियों को वही सुविधाएं दी जाएंगी, जो रेलवे के पैसेंजर्स को मिलती हैं। IRCTC के पैसेंजर्स एक्सीडेंट में क्लेम के लिए भी योग्य होंगे। पैसेंजर्स को सभी तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी। ब्लूप्रिंट के मुताबिक, इन दोनों तेजस एक्सप्रेसों को रेलवे के प्रशिक्षित लोको पायलट, गार्ड और स्टेशन मास्टर ही चलाएंगे। 
  • बता दें कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अपने 100 दिवसीय एजेंडे में कुछ ट्रेनों को प्राइवेट ऑपरेटर्स को देने की बात कही थी। सूत्रों का कहना है कि IRCTC को इन दोनों तेजस ट्रेनों का ऑपरेशन सौंपना, इसी दिशा में पहला और अपने आप में अनोखा कदम है।

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