यात्री किराया और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा, रेलवे बोर्ड चेयरमैन का बड़ा बयान
गुरुवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बीके यादव ने इस बात का संकेत देते हुए कहा है कि नए साल से यात्री किराये और मालभाड़े को तर्कसंगत किया जाएगा।
नयी दिल्ली। नए साल से पहले या नए साल पर आम आदमी को बड़ा झटका लग सकता है। गुरुवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बीके यादव ने इस बात का संकेत देते हुए कहा है कि नए साल से यात्री किराए और मालभाड़े को तर्कसंगत किया जाएगा। यादव ने कहा- हम यात्री किराए की दरों की समीक्षा करने वाले हैं। माल भाड़ा पहले ही बहुत ज्यादा है। ऐसे में कोई रास्ता निकालना जरूरी है, ताकि हम सड़क की जगह रेलवे के जरिए ज्यादा माल ढुलाई कर सकें।
चेयरमैन बीके यादव ने कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को 'तर्कसंगत' बनाने की प्रकिया में है। हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जाएगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया। उन्होंने ने कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। किराया बढ़ाना एक 'संवेदनशील' मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, 'हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं। इस पर सोच-विचार किया जा रहा है। मैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है। चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है।'
इस संदर्भ में रेलवे सूत्रों ने कहा कि संसदीय समितियों की सिफारिशों और परिचालन अनुपात पर बढ़ते दबाव के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय से इसके लिए हरी झंडी भी मिल गई है। रेलवे बोर्ड द्वारा नई दरों का खाका तैयार किया जा चुका है।
इसलिए किराए में हो सकती है बढ़ोतरी
गौरतलब है कि आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराए से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपए और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपए कम रही। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री किराए से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपए की आय हुई थी। दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपए रह गई। पिछले कुछ सालों से भारतीय रेलवे ने सीधे तौर पर यात्री किराया में बढ़ोतरी नहीं की है। रेलवे की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। रिफंड नियमों में बदलाव का भी कोई खास फायदा नहीं हुआ है। परिचालन अनुपात को संतुलित रखने के लिए किराया बढ़ाना जरूरी है।
इतना बढ़ सकता है किराया
बताया जा रहा है कि, किराए में पांच पैसे प्रति किलोमीटर से लेकर 40 पैसे प्रति किलोमीटर तक का इजाफा हो सकता है। इसका मतलब होगा कि बढ़ोतरी 10 से 20 फीसदी तक हो सकती है। इसलिए इसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा क्योंकि उन्हें रेल यात्रा के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
इतनी बढ़ेगी रेलवे की आय
रेलवे द्वारा किराया बढ़ाए जाने के बाद उसकी आय में प्रति वर्ष चार हजार करोड़ रुपए से लेकर पांच हजार करोड़ रुपए तक का इजाफा होगा। बता दें कि डीजल व बिजली जैसे जरूरी खर्च बढ़ने से रेलवे का परिचालन अनुपात 98.4 फीसदी से ज्यादा हो गया है, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर है। इतना ही नहीं, इससे रेलवे का परिचालन अनुपात भी सुधरेगा। बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड झारखंड विधानसभा के चुनाव के पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहा था। इसलिए अब जल्द ही रेलवे के नए किराए का एलान किया जा सकता है। हालांकि, रेल मंत्री पीयूष गोयल के मीडिया एडवाइजर अनिल कुमार सक्सेना का कहना है कि इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है।