किराए-भाड़े से नहीं बल्कि विज्ञापन, प्रचार और ATM के जरिए रेलवे कमाएगा 16,500 करोड़
रेलवे ने निर्णय किया है कि वह गैर-किराया राजस्व के लिए विज्ञापन और प्रचार का सहारा लेगा। ट्रेनों की ब्रांडिंग के अलावा प्लेटफॉर्मों पर ATM भी लगाएगा।
नई दिल्ली। किराया-भाड़ा में बढ़ोतरी करने के बावजूद कमाई के मोर्चे पर मात खा रहा रेलवे अब अपनी आमदनी बढ़ाने के दूसरे तरीके तलाश रहा है। रेलवे ने निर्णय किया है कि वह गैर-किराया राजस्व के लिए ट्रेनों की ब्रांडिंग के अलावा 3,000 स्टेशनों पर डिस्प्ले नेटवर्क खड़ा करेगा। साथ ही प्लेटफॉर्मों पर ATM भी लगाए जाएंगे। विज्ञापन और प्रचार से कमाई के इस अभियान में रेल रेडियो का सहारा भी लिया जाएगा। मंत्रालय का इरादा गैर– किराया राजस्व प्रयासों से दस सालों में 16,500 करोड़ रुपए की आय हासिल करने का है।
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बढ़ा है गैर-किराया राजस्व
- गैर-किराया राजस्व स्कीम में भागीदारी की इच्छुक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए रेलवे ने नीति जारी की है।
- रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि ऐसे राजस्व के लिए एजेंसियों का चयन टेंडर प्रक्रिया के जरिए पारदर्शी तरीके से होगा।
- वर्ष 2016-17 के रेल बजट में उन्होंने किराए-भाड़े से अलग तरीकों से राजस्व बढ़ाने का एलान किया था।
- इस तरह से आय में अब तक 43 फीसद की बढ़ोतरी हुई भी है। लेकिन रेलमंत्री इससे संतुष्ट नहीं हैं।
तस्वीरों में देखिए भारतीय रेल से जुड़े रोचक तथ्य
Indian Rail
होम एडवरटाइजिंग
- इसके तहत रेलवे की परिसंपत्तियों को विज्ञापन व प्रचार के लिए खोला जाएगा।
- इसके लिए राइट्स और अर्न्स्ट एंड यंग को सलाहकार नियुक्त किया गया है।
- इनकी सलाह पर स्टेशनों के बाहर और भीतर प्लेटफॉर्मों, फुट ओवरब्रिज, रोड ओवरब्रिज, लेवल क्रॉसिंग गेट्स वगैरह को रेल डिस्प्ले नेटवर्क के माध्यम से विज्ञापन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
- प्रचार के लिए विज्ञापनों के सभी प्रारूप स्वीकार किए जाएंगे।
- विज्ञापन के अधिकार दस वर्षों के लिए दिए जाएंगे।
- इसके लिए मुंबई व दिल्ली को छोड़ निविदाएं एक या कई जोनों के लिए संयुक्त रूप से मंगाई जाएंगी।
- पूरी प्रक्रिया ई-ऑक्शन से संपन्न होगी। इससे 10 सालों में 6,000 करोड़ रुपए से अधिक की आय अर्जित होने की संभावना है।
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ट्रेनों की ब्रांडिंग
- ट्रेनों के बाहरी व भीतरी हिस्से (दीवार, चेयर, बर्थ, दरवाजे, खिड़कियां) विज्ञापन के लिए उपलब्ध होंगे।
- शुरुआत राजधानी व शताब्दी ट्रेनों के लिए ई-ऑक्शन से होगी।
- इससे दस साल में 2,000 करोड़ रुपए की कमाई होने की उम्मीद है।
- अब कोई भी कंपनी अपने नाम से ट्रेन चला सकती है।
ब्रॉडकास्ट के जरिए भी होगी कमाई
- इसके तहत ट्रेनों एवं प्लेटफॉर्मों पर ऑडियो (सार्वजनिक उद्घोषणा) तथा वीडियो (यात्रियों के व्यक्तिगत उपकरणों जैसे कंप्यूटर व मोबाइल फोन पर) सिस्टम्स के उपयोग से कमाई की जाएगी।
- दोनों प्रणालियों के तहत फिल्मों, टीवी शो तथा शैक्षिक एवं सूचनात्मक कार्यक्रमों का ब्रॉडकास्ट होगा।
- यह ब्रॉडकास्ट भुगतान आधारित यानी पेड तथा मुफ्त (अनपेड) दोनो तरह का होगा।
- इस तरीके से 10 साल में 6,000 करोड़ रुपए की आमदनी हासिल होने की उम्मीद है।
प्लैटफॉर्मों पर लगाए जाएंगे ATM
- प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्मों पर बैंकों को ATM लगाने की अनुमति दी जाएगी।
- इससे रेलवे को दस वर्षों में 2,500 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की आशा है।