नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने शून्य दुर्घटना मिशन की शुरआत की है। इसी के साथ ही फ्रांसीसी कंपनी थेलस सहित अनेक वैश्विक कंपनियों ने भारत के रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय रेलवे जल्द ही देश भर में लगभग 7900 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइनों पर रेल संरक्षण चेतावनी प्रणाली (टीपीडब्ल्यूएस) के कार्यान्वयन की तैयारी में है। जिसमें से 3300 किलोमीटर के लिए बजट पहले ही आवंटित किया जा चुका है।
थेलस इस समय चेन्न्ई के निकट 68 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर इस प्रणाली का प्रायोगिक आधार पर कार्यान्वयन कर रही है। इस प्रणाली का उद्देश्य चालकों की विफलता के कारण होने वाली रेल दुर्घटनाओं को रोकना है। यह प्रायोगिक परियोजना इस साल के आखिर तक पूरी होने की उम्मीद है। थेलस को मुख्य रेल व मेट्रो प्रणालियों को प्रभावी सिग्नल व निगरानी प्रणाली उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है।
तस्वीरों में देखिए देखिए देश की पहली मिनी बुलट ट्रेन टैल्गो
Talgo high speed train
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थेलस (ऑस्ट्रिया) के सीईओ अल्फ्रेड वेइदर ने कहा, भारतीय बाजार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय बाजार में उपस्थिति हमारे हित में है। वेइदर ने कहा, हमारी दिल्ली मेट्रो किराया संग्रहण प्रणाली में हिस्सेदारी है और हमने दिल्ली मेट्रो रेल निगम को प्रौद्योगिकी समर्थन उपलब्ध कराया है। हम हैदराबाद मेट्रो को संचार आधारित रेल नियंत्रण प्रणाली भी उपलब्ध करा रहे हैं। भारतीय रेलवे में 28 टीपीडब्ल्यूएस परियोजनाओं को पहले ही चिन्हित किया जा चुका है। इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन अगले पांच साल में होने की उम्मीद है।
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