रेलवे की कमाई छह महीने में 4 हजार करोड़ रुपए गिरी, यात्री किराया बढ़ाने पर हो सकता है विचार
इंडियन रेलवे के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ छह माह में ही इंडियन रेलवे की कमाई में लगभग चार हजार करोड़ रुपए की कमी आई है।
Ankit Tyagi Oct 20, 2016, 9:39:35 IST
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के रेलवे की कमाई को बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का कोई असर नहीं दिख रहा है। इंडियन रेलवे के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ छह माह में ही इंडियन रेलवे की आमदनी में लगभग चार हजार करोड़ रुपए की कमी आई है। वैसे तो अक्सर रेलवे की आमदनी लक्ष्य से कम ही होती है, लेकिन इस बार आमदनी पिछले साल से ही कम हो गई है। इस वजह से अब रेलवे को अपने पैसेंजर किरायों के सिस्टम में फिर से बदलाव करना पड़ सकता है।
यात्री किराया बढ़ाने पर हो सकता है विचार
- इंडियन रेलवे के सूत्रों का कहना है कि अब रेलवे के सामने यात्री किराया बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
- हालांकि हाल ही में रेलवे ने शताब्दी, राजधानी और दुरतों ट्रैनों में सर्ज प्राइजिंग लागू की है, जिसकी चौतरफा आलोचना हुई है।
- ऐसे में अब रेलवे के सामने सिर्फ यही विकल्प है कि वह सभी तरह की ट्रैनों में किराए में बढ़ोतरी करे।
10 दिन में रेलवे की आमदनी 200 करोड़ रुपए गिरी
- हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स के मुताबिक इंडियन रेलवे का कहना है कि महत्वपूर्ण यह है कि सर्ज प्राइजिंग लागू होने के बाद भी आमदनी में कमी का दौर जारी है।
- हालत यह है कि बीते 10 दिन में ही रेलवे की आमदनी पिछले साल के 10 दिनों के मुकाबले लगभग सवा दो सौ करोड़ रुपये कम हो गई है।
- रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जिन आंकड़ों से रेलवे को झटका लगा है, वह इस साल एक अप्रैल से 10 अक्टूबर तक के हैं।
छह महीने में आमदनी 4 हजार करोड़ रुपए गिरी
- बीते साल इसी अवधि में रेलवे की कुल आमदनी 84 हजार 747 करोड़ रुपये थी, लेकिन इस साल उसी अवधि में यह आमदनी कम होकर 80 हजार 893 करोड़ रुपये रह गई।
- छह महीने में ही रेलवे की आमदनी 3853 करोड़ रुपये कम हो गई है। यह हालत तब है, जबकि रेलवे पर इसी साल ही नए वेतनमान का बोझ आया है।
- बीते साल एक से 10 अक्टूबर के बीच रेलवे की आमदनी 4304 करोड़ थी, जो इस साल एक से दस अक्टूबर के बीच कम होकर 4072 करोड़ रुपय रह गई है।
जानिए रेलवे से जुड़े रोचक तथ्य
Indian Rail
माल ढुलाई में कमी से गिरी आमदनी
- रेलवे के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर यह देखा जाता है कि रेलवे ने आमदनी का क्या टारगेट रखा था और वह कितना पूरा हुआ।
- इस बार टारगेट के हिसाब से देखा जाए तो आमदनी में कमी का आंकड़ा लगभग आठ हजार करोड़ रुपये है।
- रेलवे अधिकारियों के मुताबिक आमदनी में सबसे ज्यादा कमी माल ढुलाई के मामले में हुई है।
- माल ढुलाई से होने वाली आमदनी में ही रेलवे को लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
- कोयले की कम मूवमेंट की वजह से भी रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है।
- इसके अलावा दूसरी वजह यह है कि बीते कुछ सालों में रेलवे ने माल ढुलाई की दरों को लगातार बढ़ाया है, जिसकी वजह से रोड के मामले में रेलवे की माल ढुलाई महंगी हो गई है।
- पैसेंजर आमदनी से कुछ भरपाई हुई लेकिन वह भी बेहद मामूली ही रही है।
रेलवे का नुकसान बढ़ने की आशंका
- इंडियन रेलवे के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से आमदनी का ग्राफ गिरा है, उससे साफ है कि रेलवे का नुकसान बढ़ेगा।
- इसकी वजह यह है कि इसी साल ही रेलवे ने सातवें पे कमिशन की सिफारिशें लागू की हैं, जिससे रेलवे को लगभग 33 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।
- इसी तरह से रेलवे का नुकसान बढ़ेगा।
- इंडियन रेलवे के सूत्रों का कहना है कि आमदनी में कमी की सबसे बड़ी वजह यह है कि माल ढुलाई के मामले में अब रेलवे पिछड़ रहा है।