नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने आकस्मिक आवश्यकताओं को लेकर सुरक्षित कोष बनाने के लिये सरकार से एक हजार करोड़ रुपये की मदद की मांग की है। सरकारी क्षेत्र के आईओबी को लगातार तीन तिमाहियों से लाभ हुआ है। बैंक को चालू वित्त वर्ष में यह क्रम आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। बैंक को सितंबर तिमाही में 148 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, जबकि साल भर पहले की समान अवधि में उसे 2,254 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक का लाभ जून तिमाही के 121 करोड़ रुपये की तुलना में सितंबर तिमाही में 22.3 प्रतिशत बढ़ा है।
आईओबी के प्रबंध निदेशक पीपी सेनगुप्ता ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम रिकवरी के क्रम के आगे भी जारी रहने की उम्मीद करते हैं। अब पीछे जाने का सवाल नहीं है।’’ पूंजीगत जरूरतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे लाभ से पूंजी की स्थिति मजबूत हो। यह हमारा आंतरिक लक्ष्य है और हम इस लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमने सरकार से पूंजीगत समर्थन की मांग भी की है। देखना है कि हमें कितनी मदद मिल पाती है। हम किसी आकस्मिक आवश्यकता को लेकर सुरक्षित पूंजी रखना चाहते हैं।’’
महामारी से पहले से बैंक दबाव में बने हुए थे, हालांकि एनपीए पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों से बैंकों की स्थिति सुधरने की आशा बनी थी लेकिन महामारी की वजह से बैंकों पर एक बार फिर से दबाब बन गया । हालांकि अब प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला है लेकिन बैंकिंग स्ट्रक्चर काफी समय से दबाव में था जिसकी वजह से बैंक सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं।
Latest Business News