नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को सरकार के हाल में पूंजी डालने से फायदा होगा क्योंकि उन्हें उनकी शेयर पूंजी के अनुपात में अधिक हिस्सेदारी मिली। यह बात आज मूडीज ने कही। रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, पूंजी डालने से उन बैंकों का पूंजीकरण ऐसे समय में बढ़ेगा जबकि परिसंपत्ति गुणवत्ता और पूंजी प्रावधान की ऊंची लागत से उनका वित्तीय प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पिछले सप्ताह सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों ने 22,915 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा की है। इसमें से IOB को 3,101 करोड़ रुपए और सेंट्रल बैंक को 1,729 करोड़ रुपए मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इक्विटी पूंजी डालने का फैसला इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसे कमजोर बैंकों के लिए सकारात्मक है जिन्हें उनकी शेयर पूंजी के अनुपात में ज्यादा पूंजी आवंटन हुआ है।
ग्राहकों के अधिकारों को लेकर बैंकों पर निगरानी रखेगा रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक पांच व्यापक क्षेत्रों में ग्राहक अधिकारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर शीघ्र ही बैंकों की निगरानी शुरू करेगा। रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक यू एस पालीवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा था कि वे अपने अपने बोर्ड से मंजूरशुदा योजनाएं 30 जून तक लागू करें। अब हम उपभोक्ता अधिकारियों से जुड़े मुद्दों पर रिजर्व बैंक में निगरानी शुरू करेंगे। उक्त मुद्दों में निजता का अधिकार, पारदर्शिता व उचित व्यवहार का अधिकार, शिकायत निपटान व मुआवजे का अधिकार जैसे मुद्दे शामिल है।
यह भी पढ़ें- 5,600 विलफुल डिफॉल्टर्स पर बकाया है बैंकों का 58,792 करोड़ रुपए, सरकारी बैंकों में सबसे ज्यादा डिफॉल्ट
यह भी पढ़ें- वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक मुद्रा के तहत करेंगे 1.8 लाख करोड़ रुपए वितरित, छोटी इकाइयों को मिलेगा कर्ज
Latest Business News