नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) उसकी 34,555 करोड़ रुपए की पारादीप रिफाइनरी को टैक्स रियायतें देने के मुद्दे पर पीछे हटने को लेकर ओडिशा सरकार को अदालत में घसीट सकती है। पहला कारण बताओ नोटिस भेजने के करीब दो माह में ओडिशा सरकार ने 22 फरवरी को अपनी सबसे बड़ी निवेशक को पत्र लिखकर सूचित किया कि वह पारादीप रिफाइनरी के राज्य में बिकने वाले उत्पादों पर 11 साल तक के लिए बिक्री टैक्स छूट के अपने वादे को वापस ले रही है।
आईओसी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, हम उन्हें यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि हम ओडिशा सिर्फ उनके द्वारा कुछ कर प्रोत्साहन देने के वादे के बाद ही आए हैं। अब वे इससे पीछे नहीं हट सकते। यदि हम इसमें सफल नहीं रहते हैं, तो हमारे पास कानूनी रास्ता चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
- ओडिशा सरकार दो आधार पर प्रोत्साहनों को वापस लेने को जायज ठहरा रही है।
- पहली यह कि परियोजना में छह साल की देरी हुई है और इसके अलावा रिफाइनरी का आकार 1.5 करोड़ टन सालाना कर दिया गया है, जबकि पहले 90 लाख टन पर सहमति बनी थी।
- अधिकारी ने कहा कि दोनों मामलों में उनका दावा सही नहीं बैठता। हमने 2006 में ही उन्हें लिखित में सूचित कर दिया था कि हम पेट्रोरसायन संयंत्र के साथ बड़े आकार की रिफाइनरी लगाएंगे।
- देरी के संदर्भ में अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार को अपने कर प्रोत्साहन नहीं देने के फैसले के बारे में 2009 में ही सूचित करना चाहिए था जबकि निवेश का फैसला किया गया था और उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी।
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