ज्यूरिख। भारत सरकार द्वारा विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की कोशिशों और स्विट्जरलैंड के गोपनीय बैंकिंग सिस्टम को कमजोर करने के लिए दुनियाभर में हो रहे प्रयासों का असर दिखना शुरू हो गया है। स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन 33 फीसदी घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 1.2 अरब फ्रैंक (तकरीबन 8,392 करोड़ रुपए) पर आ गया है।
देश के केंद्रीय बैंक अथॉरिटी एसएनबी (स्विस नेशनल बैंक) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन 2015 के अंत में 121.76 करोड़ स्विस फ्रैंक से घटकर 59.642 करोड़ स्विस फ्रैंक रह गया। यह 1997 के बाद का सबसे निचला स्तर है और यह लगातार दूसरा साल है, जब स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में गिरावट आई है। स्विस बैंक ने 1997 से ही बैंकों में जमा धन का डेटा सार्वजनिक करना शुरू किया था।
2006 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन रिकॉर्ड ऊंचाई 6.5 अरब स्विस फ्रैंक (23,000 करोड़ रुपए) पर था। हालांकि, तभी से इस जमा धन में लगातार गिरावट आ रही है, केवल 2011 और 2013 को छोड़कर जब भारतीयों के धन में क्रमश: 12 फीसदी और 42 फीसदी की वृद्धि हुई थी। 2015 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा सीधे जमा किया गया धन 120.671 करोड़ स्विस फ्रैंक (एक साल पहले के जमा से 177.6 करोड़ स्विस फ्रैंक) रह गया, जबकि वेल्थ मैनेजर्स द्वारा जमा की गई राशि घटकर 1.089 करोड़ स्विस फ्रैंक (2014 के अंत में 3.792 करोड़ फ्रैंक) रह गई।
ज्यूरिख के एसएनबी के ताजा आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जबकि स्विट्जरलैंड ने भारत और अन्य देशों द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाणों के आधार पर विदेशी ग्राहकों के ब्योरा साझा करना शुरू किया है। स्विट्जरलैंड ने भारत की कालेधन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को और विस्तार देने की सहमति दी है। 2018 से सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के लिए वह भारत के साथ नए करार पर दस्तखत कर सकता है। इसके अलावा भारतीय अधिकारियों का एक दल जल्द स्विट्जरलैंड जा सकता है। यह दल वहां स्विस बैंकों में भारतीयों के कालेधन के बारे में लंबित आग्रहों को जल्द से जल्द पूरा करने को कहेगा।
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