वाशिंगटन। भारत के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) को अमेरिकी सेना से सौर सोलर पावर से चलने वाली माइक्रो-ग्रिड पर रिसर्च और डेवलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। अमेरिकी वायु सेना की जापान स्थित योकोता हवाई अड्डा ने आईआईएससी को 52,900 डॉलर का बैट्री के साथ सोलर पावर से चलने वाली माइक्रो-ग्रिड और अत्यधिक क्षमता वाली एनर्जी भंडारण प्रणाली का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है।
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पहली बार किसी इंडियन साइंस इंस्टिट्यूट को मिला कॉन्ट्रैक्ट
यह अपने आप में अनूठा मौका है जबकि अपने उच्च कोटि के अनुसंधान के लिए के विख्यात किसी इंडियन साइंस इंस्टिट्यूट को अमेरिकी सेना से कॉन्ट्रैक्ट मिला है। इस अनुबंध की घोषणा गुरुवार को पेंटागन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री ऐश्टन कार्टर की मुलाकात से पहले इसकी घोषणा की गई। पर्रिकर अपनी पहली अमेरिका यात्रा पर हैं ताकि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक भागीदारी बढ़ाई जा सके।
अमेरिका की पहली यात्रा पर मनोहर पर्रिकर
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अपने पहले दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर सब कुछ ठीकठाक रहा, भारत का रक्षा संबंध अमेरिका के साथ दो पायदान ऊपर पहुंच सकता है। इससे भारत को रक्षा उत्पादन का हब बनने में मदद मिलेगी। अमेरिका की बड़ी कंपनियां भारत में हथियार बचने और निवेश करने के लिए दबाव बना रही हैं। लेकिन, महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी पर अमेरिकी सरकार का वीटो है। लॉकहीड मार्टिन और बोइंग भारत में एफ -16 और एफ -18 के उत्पादन के लिए तैयार है। इसके अलावा बोइंग भारत में अपाचे या चिनूक हेलीकॉप्टरों के लिए असेम्बली प्लांट लगाने के लिए तैयार है।
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