नई दिल्ली। भारत की विविध और स्वस्थ खानपान परंपरा के चलते भारतीय खाद्य उत्पादों में व्यापक आर्थिक संभावनाएं हैं और इनमें बड़े पैमाने पर निवेश आने की उम्मीद है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत ने कहा कि भारत के खाद्य एवं खुदरा खंड में व्यापक संभावनाएं हैं। इसके वित्त वर्ष 2019-20 तक 482 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है। अभी यह 250 अरब डॉलर का है।
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- कांत ने कहा कि इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की व्यापक क्षमता है और इससे रोजगार के काफी अधिक अवसर पैदा होंगे।
- कई अध्ययनों से यह सामने आया है कि हम अगले चार से पांच साल में एक करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकते हैं।
- इससे खाद्य उद्योग को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।
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- उन्होंने कहा कि भारत की सराहना करने का उसके खाद्य से अधिक बेहतर तरीका नहीं हो सकता।
- भारत जैविक खेती पर ध्यान देकर खुद अपना ब्रांड मूल्य बना सकता है।
- कांत ने मंगलवार को एक संगोष्ठी में कहा कि सिक्किम को सरकार ने पिछले साल 100 प्रतिशत जैविक घोषित किया है।
- मेरा मानना है कि भारत में जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित कर खुद अपना ब्रांड मूल्य बनाने की क्षमता है।
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