वाशिंगटन। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। नोटबंदी के कारण कुछ समय की नरमी के बावजूद वह वैश्विक परिदृश्य में एक आकर्षक चमकता स्थान बनी रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। आईएमएफ ने भारत पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके बाद के वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत रह सकती है।
आईएमएफ के भारत मिशन प्रमुख पॉल केशिन ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है और वैश्विक परिदृश्य में यह एक चमकता हुआ आकर्षक स्थान बनी रहेगी। केशिन ने कहा कि वर्ष 2014 के आखिरी महीनों में विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम घटकर आधे होने के बाद से भारत में आर्थिक गतिविधियां तेज होने लगीं, उसके चालू खाता और वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ और मुद्रास्फीति में भी गिरावट आई।
केशिन ने कहा कि इसके साथ ही वित्तीय क्षेत्र में सरकारी घाटे पर अंकुश, कर्ज पर नियंत्रण के जरिए वित्तीय मोर्चे पर लगातार सुदृढीकरण करने और मुद्रास्फीति कम करने के मौद्रिक नीति उपायों से देश के वृहदआर्थिक स्थायित्व को मजबूती देने में मदद मिली है।
- केशिन ने इस बात पर भी गौर किया कि भारत सरकार ने महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- इससे मजबूत और सतत् आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी।
- जीएसटी के प्रस्तावित क्रियान्वयन से निकट भविष्य में भारत की आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत से उपर पहुंचाने में मदद मिलेगी।
- जीएसटी क्रियान्वयन से भारत में राज्यों के बीच सामान और सेवाओं की आवाजाही और उत्पादन क्षमता बेहतर होगी।
- हालांकि, उन्होंने कहा कि इसमें संतोष करके बैठ जाने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है।
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