अर्थव्यवस्था की कमजोरियों को किया गया है दूर, PM ने खुलकर फैसले लेने, निवेश करने और खर्च करने का किया आह्वान
दिल्ली के विज्ञान भवन में उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम सभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर खुद ही मोर्चा संभाल लिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम सभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पांच-छह साल पहले त्रासदी की ओर बढ़ रही थी, सरकार ने इसे ठीक किया और राजकोषीय स्थिति को नियंत्रित किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी का ये वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब भारत की अर्थव्यवस्था में सुस्ती बनी हुई है। जीडीपी ग्रोथ के आकंड़े लगातार रेटिंग एजेंसियां घटा रही हैं। एक तरफ देशभर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर खुद ही मोर्चा संभाल लिया है।
एसोचैम की वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज Assocham के इस मंच से, देश की बैंकिंग से जुड़े लोगों को, कॉरपोरेट जगत के लोगों को ये विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अब जो पुरानी कमजोरियां थीं, उस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इसलिए खुलकर फैसले लें, खुलकर निवेश करें, खुलकर खर्च करें। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश, इसे ताकत देगा। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर 25 लाख करोड़ रुपए का निवेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
'हम फेसलेस टैक्स प्रशासन की ओर बढ़ रहे हैं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के उन टॉप 10 देशों में शामिल है, जिसने इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में पिछले 3 वर्षों में लगातार सबसे अच्छा सुधार किया है। हम भारतीय अर्थव्यवस्था को आधुनिक और औपचारिक बनाना चाहते हैं। कंपनी अधिनियम के तहत आपराधिक कार्रवाई को समाप्त करने, कच्चे माल पर तैयार सामानों से अधिक आयात शुल्क की व्यवस्था हटाने पर सरकार काम कर रही है।पीएम मोदी ने कहा कि टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता, दक्षता और जिम्मेदारी लाने के लिए हम फेसलेस टैक्स प्रशासन की ओर बढ़ रहे हैं।
'देश में टैक्स का जाल कम किया'
भारत में ऐसी सरकार है जो किसानों, मजदूरों और कॉरपोरेट जगत की बातें सुनती है। हम कर प्रणाली को पारदर्शी, प्रभावी तथा जवाबदेह बनाने के लिए ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें आकलन के दौरान करदाताओं और कर अधिकारियों को एक-दूसरे के बारे में पता नहीं चलेगा। क्या उद्योग जगत नहीं चाहता था कि देश में टैक्स का जाल कम हो। हर राज्य में अलग अलग दरों की परेशानी से उसे मुक्ति मिले, हम जीएसटी लाए। व्यापार जगत से जो भी फीडबैक मिला, हम जीएसटी में आवश्यक चीजें जोड़ते रहे, उसमें जरूरी परिवर्तन करते रहे।
13 बैंक वापस मुनाफे में आ चुके हैं- पीएम मोदी
5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ये बात अचानक नहीं आई है। बीते 5 साल में देश ने खुद को इतना मजबूत किया है कि ऐसे लक्ष्य रखे भी जा सकते हैं और उन्हें प्राप्त भी किया जा सकता है। हमने अर्थव्यवस्था के ज्यादातर आयामों को औपचारिक व्यवस्था में लाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही हम अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए आधुनिकीकरण और 'जल्दी करने' करने की दिशा में भी आगे बढ़े हैं। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से अब 13 बैंक मुनाफे में वापस आ चुके हैं। 6 बैंक PCA से भी बाहर निकल चुके हैं। हमने बैंकों का एकीकरण भी तेज किया है। बैंक अब अपना देशव्यापी नेटवर्क बढ़ा रहे हैं और अपनी ग्लोबल पहुंच कायम करने की ओर अग्रसर हैं।