भारत के लिए वर्ष 2022 होगा सबसे अच्छा, अर्थव्यवस्था 8.5% वृद्धि दर के साथ दुनिया में बढ़ेगी सबसे तेज
भारत चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी की वृद्धिदर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
नई दिल्ली। वर्ष 2022 भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर साबित होगा। कोरोना महामारी की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। लेकिन अब इसमें तेजी से सुधार हो रहा है। इस बात की तस्दीक खुद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा जारी ताजा अनुमानों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2021 में 9.5 प्रतिशत और वर्ष 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी। आईएमएफ ने यह भी कहा है कि इस वृद्धि दर के साथ भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
आईएमएफ ने अनुमानों को रखा स्थिर
आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) में भारत के वृद्धि अनुमानों को इस साल जुलाई में जारी अपने पिछले अनुमान पर स्थिर रखा गया है, हालांकि यह अप्रैल के अनुमानों के मुकाबले 1.6 प्रतिशत कम है। आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी ताजा डब्ल्यूईओ के अनुसार 2021 में पूरी दुनिया की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अमेरिका और चीन रहेंगे पीछे
आईएमएफ ने अपने अनुमान में कहा है कि अमेरिका के इस साल छह फीसदी और अगले साल 5.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। इन पुर्वानुमानों के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था 2021 में आठ प्रतिशत और 2022 में 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। ब्रिटेन इस वर्ष 6.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर, उसके बाद फ्रांस 6.5 प्रतिशत और अमेरिका छह प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2021 में 5.9 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
टीकाकरण के मामले में भारत का प्रदर्शन अच्छा
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत अपने लोगों के टीकाकरण के मामले में अच्छा कर रहा है और निश्चित रूप से इससे अर्थव्यवस्था को मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के लिए इस साल के अपने वृद्धि पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। मेरा मतलब है कि भारत एक बेहद कठिन दूसरी लहर से बाहर आया और जुलाई में एक बड़ी गिरावट आई, लेकिन हमारे पुर्वानुमान में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।
गोपीनाथ ने कहा कि वित्तीय बाजार के संबंध में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही है। आईएमएफ द्वारा जारी ताजा अनुमानों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था के वर्ष 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
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