फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में कहा गया है, “वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसदी रहेगी, साथ ही उद्योग और सेवा क्षेत्र में सुधार से भी जीडीपी को समर्थन मिलेगा। इस दौरान उद्योग और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 6.9 फीसदी और 8.4 फीसदी रहेगी।” यह सर्वेक्षण उद्योग से जुड़े अर्थशास्त्रियों के बीच किया गया, जो उद्योग, बैंकिंग और वित्त सेवाओं के क्षेत्र से जु़ड़े थे। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद की नोटो की किल्लत अब समाप्त हो चुकी है, उपभोग में भी तेजी लौटने लगी है और इसमें आगे और तेजी बरकार रहने की उम्मीद है।
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