हैदराबाद। भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने 2015-19 के बीच साल दर साल 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। ग्राहकों को सीधे उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के मंच इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने यहां जारी अपनी वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रपट के मुताबिक 2015-16 में इस क्षेत्र का कारोबार 8,308 करोड़ रुपए था जो साल दर साल औसतन 16 प्रतिशत की दर से बढ़कर वर्ष 2018-19 में से 13,080 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर डायरेक्ट सेलिंग उद्योग वर्ष 2018 में लगभग 192.9 अरब डॉलर का था, जो कि वर्ष 2017 में 190.5 अरब डॉलर के उद्योग मूल्य से 1.2 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
आईडीएसए की अध्यक्षा, रिनी सान्याल ने कहा कि दक्षिणी क्षेत्र में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश को मिलाकर अन्य ने वर्ष 2018-19 में देश में डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय में 19 प्रतिशत का योगदान किया है।
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