नई दिल्ली। भारतीय शहरों की कानून-व्यवस्था की स्थिति ऐसी नहीं है कि वहां चौबीसोंं घंटे खुदरा बाजार चलाए जा सकें। यह बात एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आई है। सरकार द्वारा तैयार किए गए एक आदर्श विधेयक में शहरों में सातो दिन चौबीसों घटे दुकानों, मॉल और अन्य प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।
नागरिकों के साथ ऑनलाइन संवाद करने वाले एक मंच लोकलसर्कल्स की एक सर्वे रिपोर्ट मुताबिक दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा की दशाएं नियमन) आदर्श विधेयक, 2016 का देश के कारोबारी माहौल, बाजार गतिशीलता और रोजगार की दर पर उल्लेखनीय असर होगा। विधेयक को हाल ही में मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है और राज्यों तथा संघशासित प्रदेशों के अनुमोदन की जरूरत है।
लोकलसर्कल्स ने 12,788 नागरिकों के सर्वेक्षण के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि कि भारतीय शहरों की कानून व्यवस्था की स्थिति मॉल, सिनेमा, रेस्तरां आदि के चौबीसोंं घंटे परिचालन के अनुकूल नहीं हैं। क्या आप माल और खुदरा प्रतिष्ठानों के चौबीसों घंटे खुला रखने के पक्ष में हैं, इस सवाल पर 10,487 में से 50 फीसदी ने इसके पक्ष में और 49 फीसदी ने इसके विरोध में राय प्रकट की। एक प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ नहीं कर सकते।
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