नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी ने बुधवार को कहा कि भारत आज ऐसे बदलाव के मोड़ पर खड़ा है जहां से आगे देश में कई हजार अरब डॉलर की कंपनियां होंगी, अक्षय ऊर्जा से उसे सबसे सस्ती बिजली मिलेगी और इन सबके चलते देश की अर्थव्यवस्था 2050 तक 10 गुणा बढ़ेगी। अडाणी ने टीआईई ग्लोबल समिट में ‘अतुल्य भारत और भारत के लिये अवसर’ पर बातचीत के दौरान कहा कि 2050 तक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मौजूदा के 2,800 अरब डालर से बढ़कर 28,000 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा। शेयर बाजार का मूल्यांकन इस अवधि में 30,000 अरब डॉलर और खुदरा बाजार का आकार 10,000 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा। इसके साथ ही दुनिया के प्रत्येक तीन मध्यम वर्गीय परिवारों में से एक परिवार भारत से होगा। अडाणी ने कहा, ‘‘भारत की साफ्ट पावर के साथ साथ 28 हजार अरब डालर की जीडीपी और 30 हजार अरब डॉलर के शेयर बाजार मूल्यांकन की हार्ड पावर को मिलाकर भारत एक ऐसा अतुल्य देश होगा जो कि 21वीं सदी के दौरान सबसे महान अवसरों वाला देश बनने की राह पर आगे बढ़ रहा होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान ऐसा समय भी आयेगा जब सुस्ती आ सकती है लेकिन हर बड़ी अर्थव्यवस्था को इस तरह के समय से गुजरना पड़ता है। ‘‘बेशक इसमें भारत के लिये मुश्किल चुनौतियां आ सकतीं हैं जिनसे पार पाना कठिन होगा लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बड़े अवसर भारत की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’
अडाणी ने कहा कि आज दुनिया की जीडीपी 85,000 अरब डॉलर है जिसमें से भारत की हिस्सेदारी 2,800 अरब डॉलर की है। अडाणी बंदरगाह, हवाईअड्डे, खाद्य तेल से लेकर ऊर्जा कारोबार के एक बड़े समूह का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2050 में वैश्विक जीडीपी 170 से लेकर 180 हजार अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है तब भारत की जीडीपी 28 हजार अरब डॉलर रहने का अनुमान है। इस प्रकार 2050 में वैश्विक जीडीपी में उसका 15 प्रतिशत का योगदान होगा।’’ अडाणी ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा होगा क्योंकि जो भी जरूरी ढांचागत सुधारों की आवश्यकता इसके लिये है वह अब आगे बढ़ाये जा रहे हैं और इन सुधारों से हमारी राष्ट्रीय वृद्धि के विस्तार की आधारशिला रखी जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि 2050 में भारत की आबादी भी 160 करोड़ तक पहुंच जायेगी और दुनिया के प्रत्येक तीन मध्यवर्गीय परिवारों में एक भारतीय परिवार होगा। भारत दुनिया में सबसे बड़ा मध्यमवर्गीय परिवारों वाला देश होगा। किसी भी देश इतना बड़ा मध्यमवर्ग कभी नहीं बना है। तब तक खुदरा कारोबार का आकार ही 10 हजार अरब डालर तक पहुंच जायेगा। ‘‘प्रत्येक वैश्विक कंपनी के लिये भारत में निवेश उसका लक्ष्य होगा।’’
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