न्यूयॉर्क। वित्त सचिव अशोक लवासा का कहना है कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है। इसके पीछे उनका तर्क है कि राजकोषीय घाटा और मुद्रास्फीति समेत देश की वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है।
उन्होंने कहा कि हालांकि यह विकास दर लोगों की उम्मीदों के मुताबिक नहीं है लेकन विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं और अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत लगातार एक स्वस्थ्य दर से आगे बढ़ रहा है। लवासा ने कहा कि चालू खाता घाटा, राजकोषीय घाटा, मुद्रास्फीति और भुगतान का संतुलन समेत भारत की वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है।
सभी मुद्दों पर भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत स्थिति में है। हम महसूस करते हैं कि भारत में विकास की जो संभावना है वह किसी अन्य देशों में नहीं है। भारत में बदलती जीवनशैली और बढ़ते शहरीकरण से अतिरिक्त उपभोग की वजह से यह संभावना और प्रबल हो जाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत से सकारात्मक बिंदु हैं और भारत न केवल एक स्वस्थ्य दर से आगे बढ़ेगा बल्कि कई निवेशकों के लिए लगातार एक आकर्षक गंतव्य भी बना रहेगा।
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