न्यूयॉर्क। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (सीआईडी) के ताजा अनुमानों के मुताबिक भारत सालाना सात फीसदी की वृद्धि दर हासिल करेगा और अगले दस सालों तक इसके विश्व की सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाली इकोनॉमी बने रहने की भी संभावना है। इस लिहाज से यह अपने दक्षिण एशियाई आर्थिक प्रतिद्वंद्वी चीन से आगे रहेगा। अनुमान में कहा गया है कि चीन में लगातार आर्थिक नरमी जारी रहने की आशंका है।
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (सीआईडी) के अनुसंधानकर्ताओं के नए वृद्धि संबंधी अनुमानों के मुताबिक भारत में अगले दस सालों में सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। भारत सात फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान के मद्देनजर अगले दशक में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था की सूची में शीर्ष पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भारत के उत्तरी पड़ोसी और आर्थिक प्रतिद्वंद्वी चीन से काफी अधिक है, जिसके बारे में 2024 तक नरमी बरकरार रहने के बीच 4.3 फीसदी सालाना वृद्धि रहने का अनुमान है।
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दक्षिण एशिया एवं पूर्वी अफ्रीका में तेज वृद्धि का अनुमान है क्योंकि पेट्रोलियम अर्थव्यवस्थाओं और अन्य जिंस केंद्रित अर्थव्यवस्थाओं के सामने धीमी वृद्धि का परिदृश्य है। सीआईडी के निदेशक और हार्वर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर रिकार्डो हॉसमैन ने कहा कि भारत की उत्पादक क्षमता में उल्लेखनीय तेजी आई है, जिससे इसे फार्मा, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत ज्यादा जटिल उत्पादों के निर्यात में गुंजाइश मिली है। हॉसमैन ने कहा कि इन आर्थिक जटिलताओं में गुंजाइश से ऐतिहासिक तौर पर आय बढ़ी है।
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