गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.5 करोड़ टन होने की उम्मीद, सरकारी खरीद में बेहतर मूल्य मिलने से बढ़ी बुवाई
गेहूं की बुवाई सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 99 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई है जबकि दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां गेहूं का रकबा इस साल पिछले साल से 8.30 लाख हेक्टेयर बढ़कर करीब 88 लाख हेक्टेयर हो गया है।
नई दिल्ली| भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) का अनुमान है कि देश में इस साल रिकॉर्ड 11.5 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हो सकता है जोकि पिछले साल से तकरीबन सात फीसदी ज्यादा होगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि रबी सीजन की फसलों के लिए मौसम अनुकूल है और गेहूं की बुआई में किसानों ने खूब दिलचस्पी ली है।
दिलचस्प बात यह है कि देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर तकरीबन तीन महीने से किसान धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं, फिर भी उनकी खेती-किसानी के काम पर कोई असर नहीं पड़ा है। कृषि वैज्ञानिक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने आईएएनएस को बताया कि उनके संस्थान का आकलन है कि गेहूं के उत्पादन में देश में फिर एक नया रिकॉर्ड बनेगा और इस साल भारत का गेहूं उत्पादन करीब 11.5 करोड़ टन रहेगा बशर्ते आगे मौसम की कोई ऐसी मार न पड़े।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी चौथे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में गेहूं का उत्पादन करीब 10.76 करोड़ टन आंका गया है। आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस साल गेहूं की बुआई काफी ज्यादा हुई है और फसल भी अच्छी है। गेहूं की बुवाई में किसानों की ज्यादा दिलचस्पी की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी वजह है कि सरकारी खरीद लगातार बढ़ रही है जिससे किसानों को गेहूं का लाभकारी दाम मिलना सुनिश्चित हुआ है। पिछले सीजन में सरकारी एजेंसियों ने देशभर में किसानों से 389.83 लाख टन गेहूं तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,925 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा। इस साल गेहूं की फसल के लिए केंद्र सरकार ने एमएसपी 50 रुपये बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
चालू फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में गेहूं की बुवाई 346 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हुई है जोकि पिछले साल से तकरीबन तीन फीसदी अधिक है। गेहूं की बुवाई सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 99 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई है जबकि दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां गेहूं का रकबा इस साल पिछले साल से 8.30 लाख हेक्टेयर बढ़कर करीब 88 लाख हेक्टेयर हो गया है। पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर और हरियाणा में 25 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में गेहूं की बुवाई हुई है। हरियाणा में रकबा थोड़ा बढ़ा है जबकि पंजाब में तकरीबन पिछले साल के बराबर है।
पंजाब के कृषि विभाग के अधिकारी गुरविंदर सिंह ने बताया कि प्रदेश में गेहूं की फसल अच्छी है और बंपर पैदावार की उम्मीद है क्योंकि मौसम गेहूं के लिए काफी अनुकूल है और फसल में समय पर पानी व उर्वरक देने में भी कोई कठिनाई नहीं आई है। हरियाणा के पंचकूला में कृषि विभाग में बतौर उपनिदेशक पदस्थापित वजीर सिंह ने भी बताया कि प्रदेश में इस साल गेहूं की फसल काफी अच्छी है और आगे हार्वेस्टिंग सीजन में मौसम की कोई मार नही पड़ी तो बंपर पैदावार हो सकती है।