नई दिल्ली। भारत ने सद्भाव दिखाते हुए ईरान को एस्सार ऑयल और मंगलूर रिफाइनरी (एमआरपीएल) जैसी रिफाइनिंग कंपनियों द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल के 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर 1.5 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करने पर सहमति जताई है।
ईरान ने भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों पर 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर लिबॉर के अलावा 0.75 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज की मांग की थी ताकि विदेशी मुद्रा में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हालांकि हमारा मानना है कि कोई ब्याज बकाया नहीं है लेकिन ईरान के प्रति सद्भावना दिखाते हुए तेल कंपनियां ब्याज भुगतान पर सहमत हो गई हैं।
उन्होंने कहा, सात दिन के अमेरिकी लिबॉर जमा 0.75 फीसदी की अतिरिक्त ब्याज 1.5 फीसदी की ब्याज दर के बराबर बैठती है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जब ईरानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर वलिउल्लाह सैफ से नौ अप्रैल को तेहरान में मुलाकात की थी तो उन्होंने उक्त ब्याज दर की मांग की थी। ईरान विनिमय दर से पैदा अंतराल की भरपाई के लिए अतिरिक्त ब्याज भुगतान की मांग कर रहा है। ईरान ने मंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) जैसी भारतीय रिफाइनरियों को अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से कच्चा तेल बेचा था।
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