10000 से भी ज्यादा सीप्लेन होंगे भारत के पास, नितिन गडकरी ने दी जानकारी
सीप्लेन के लिए भारत में तीन से चार लाख तालाब, काफी सारे बांध, दो हजार नदी बंदरगाह, 200 छोटे बंदरगाह और 12 बड़े बंदरगाह हैं। इसपर खर्च भी कम आएगा
नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि स्वच्छ जलाशयों में हजारों सीप्लेन, समूद्री क्रूज के रूप में तैरता शहर और राजमार्गों पर समर्पित लेन में दौड़ती इलेक्ट्रिक कारें भारत का भविष्य है। गडकरी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मैं सीप्लेन की बात करता रहा हूं। यदि यह शुरू हुआ तो हमारे देश में 10 हजार सीप्लेन की क्षमता है। भारत में हमारे पास तीन से चार लाख तालाब, काफी सारे बांध, दो हजार नदी बंदरगाह, 200 छोटे बंदरगाह और 12 बड़े बंदरगाह हैं। इसपर खर्च भी कम आएगा।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू से एक इंजन वाले सीप्लेन के लिए नियामक तय करने की संभावनाएं देखने को कहा है ताकि देश में इसे यथाशीघ्र लाया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘सीप्लेन एक फीट पानी में भी उतर सकता है और उड़ान भरने के लिए इसे महज 300 मीटर रनवे की जरूरत होती है। इसमें काफी संभावनाएं हैं और यह 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। हमारा मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय जल्दी ही इसके नियम व कानून तय करेंगे। अमेरिका, कनाडा और जापान में इसके अलग अलग कानून हैं। हम तीन महीने में उनके कानूनों का अध्ययन कर लेंगे।’’ क्रूज को तैरता शहर बताते हुए गडकरी ने कहा कि इसके मौजूदा 95 से बढ़कर 950 से भी अधिक होने की संभावना है।
भारत से क्रूज सिंगापुर, फिलिपीन और थाइलैंड जा सकते हैं। मुंबई में एक हजार करोड़ रुपये का टर्मिनल बनाने समेत इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस बाबत नीति पर भी काम चल रहा है। गडकरी ने 2018 के लिए प्राथमिकता तय करते हुए कहा कि भारत की पहली बहुप्रतीक्षित पॉड टैक्सी परियोजना पर जल्दी ही काम शुरू होगा। उन्होंने दावा किया, ‘‘सीप्लेन, क्रूज, जलमार्ग, इलेक्ट्रिक वाहन, पॉड टैक्सी, कैटामरान, एक्सप्रेसवे, 16 लाख करोड़ रुपये की सागरमाला परियोजना और सात लाख करोड़ रुपये की भारतमाला परियोजना भारत की ढांचागत संरचना को बदल देंगे।’’ उन्होंने कहा कि एक अन्य मुख्य क्षेत्र कच्चा तेल का आयात है। हम सात लाख करोड़ रुपये के कच्चा तेल आयात को घटाकर कम से कम आधा करेंगे तथा 50 लाख युवाओं को संबंधित क्षेत्रों में रोजगार देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम सात लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल आयात कर रहे हैं। हमने मूल्य प्रभावी, आयात का विकल्प, प्रदूषणरहित और स्वदेशी ईंधन लाने का निर्णय किया है। हम अपने परिवहन को क्रमिक तौर पर इलेक्ट्रिक, इथेनॉल, मिथेनॉल, बायो डीजल, बायो सीएनजी एवं अन्य माध्यमों में परिवर्तित करेंगे। इससे देश में कम से कम 1000 नये उद्योग शुरू होंगे तथा 50 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगौ।’’
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस तरह टिकटों का दाम 30-35 प्रतिशत कम कर सकते हैं। इसमें सुपर कैपेसिटर तकनीक का इस्तेमाल होगा। चार्ज बस 36 किलोमीटर चल सकती है तथा इसे तीन मिनट में चार्ज किया जा सकता है। हम दिल्ली-मुंबई राजमार्ग पर एक अलग लेन की भी योजना बना रहे हैं जिसे इलेक्ट्रिक राजमार्ग में तब्दील करने के लिये आरक्षित रखा जा सकता है।’’