नई दिल्ली। सरकार देश में बिकने वाली सभी तरह की गोल्ड ज्वैलरी के लिए अगले साल से हॉलमार्क सर्टिफिकेशन को अनिवार्य बनाने की योजना पर विचार कर रही है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि सरकार देश में बेचे जाने वाले सोने और इससे बने आभूषणों के लिए कैरेट गणना के साथ उनकी हॉलमार्किग को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आयोजित एक आयोजन में पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा समय में लोगों को पता नहीं होता कि उनके द्वारा खरीदी जाने वाली गोल्ड ज्वैलरी की गुणवत्ता क्या है। हम स्वर्ण आभूषण की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहे हैं। यह काम जनवरी तक हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ आभूषणों पर बीआईएस मार्क का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह पर्याप्त रूप से उपभोक्ताओं को आभूषणों की गुणवत्ता के बारे में जानकारी नहीं दे पाता। पासवान ने कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत हॉलमार्क में आभूषण में इस्तेमाल किए गए सोने के कैरेट के बारे में उल्लेख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट वाली तीन श्रेणियों के लिए किया जाएगा।
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