वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का अनुमान है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP जीडीपी ) की वृद्धि दर क्रमश : 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी। आईएमएफ ने अगले दो वर्षों में वैश्विक वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ का कहना है कि मजबूत रफ्तार, अनुकूल बाजार धारणा के साथ अन्य कारणों से वैश्विक वृद्धि दर बेहतर रहेगी। हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने चेताया है कि व्यापार विवादों से भरोसा डगमगा सकता और इससे वृद्धि की रफ्तार पटरी से उतर सकती है।
भारत के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा है कि 2017 में कुछ कारणों से वृद्धि दर में तेज गिरावट के बाद अब स्थिति सुधर रही है। भारत 2018 और 2019 में एक बार फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।
आईएमएफ ने अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। वहीं उसका अनुमान है कि 2019 में यह और बढ़कर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
चीन के बारे में आईएमएफ का कहना है कि इन दो वर्षों में उसकी वृद्धि दर क्रमश: 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, आईएमएफ की वृद्धि दर का अनुमान पिछले अक्टूबर के अनुमान के समान ही है। वर्ष 2016 में भारत की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत और चीन की 6.7 प्रतिशत रही है। दो प्रमुख सुधारों नोटबंदी और माल एवं सेवा कर ( जीएसटी ) के क्रियान्वयन की वजह से 2017 में यह घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई। वर्ष 2017 में 6.9 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ चीन भारत से कुछ आगे रहा है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में आईएमएफ का कहना है कि 2017 में यह सुधरकर 3.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसकी प्रमुख वजह वैश्विक व्यापार की स्थिति सुधरना है। आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में निवेश में सुधार, उभरते एशिया में मजबूत वृद्धि, उभरते यूरोप में उल्लेखनीय सुधार और कई जिंस निर्यातकों की स्थिति सुधरने से वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर बढ़ेगी।
आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के आर्थिक काउंसलर और निदेशक मॉरिस आबस्टफेल्ड ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से रफ्तार पकड़ रही है।
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