वाशिंगटन। भारत को अपनी सोलर और इंटरनेट प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन से 42.1 करोड़ डॉलर (करीब 2800 करोड़ रुपए) मिलेंगे। इससे भारत कम कॉर्बन एमिशन वाली अर्थव्यवस्था बन सकेगा और अपने इंटरनेट ढांचे का विस्तार कर सकेगा। इससे देश में इंटरनेट का विस्तार होगा और सुचारू रुप से काम करेगा।
सोलर रिन्युएबल एनर्जी के प्लाटों का होगा निर्माण
अमेरिका सरकार के विकास वित्त संस्थान, ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने पिछले सप्ताह रीन्यू पावर वेंचर्स लि. की सब्सिडियरी को 25 करोड़ डॉलर का सीनियर कर्ज वित्तपोषण मंजूर किया। इससे भारत में 400 मेगावाट के नए सौर अक्षय उर्जा उत्पादन संयंत्रों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इसने तिकोना डिजिटल नेटवर्कस के लिए 17.1 करोड़ डॉलर के फाइनेंसिंग की मंजूरी दी है।
लो-कॉस्ट वायरलेस ब्रॉडबैंड का होगा विस्तार
ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने कहा कि एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए इनोवेटिव फाइनेंसिंग स्ट्रक्चर से भारत को लो कार्बन अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। कॉरपोरेशन ने तिकोना डिजिटल नेटवर्कस के विस्तार के लिए फाइनेंसिंग की भी मंजूरी दी है। लो-कॉस्ट वायरलेस ब्रॉडबैंड नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी। कंपनी ने कहा कि भारत में कमजोर वायरलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से ब्रॉडबैंड का विस्तार नहीं हो पा रहा है।
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