नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की दो रिफाइनरी कंपनियों ने ईरान से नवंबर में कच्चे तेल आयात के लिये आर्डर दिये हैं। नवंबर में ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाये गये प्रतिबंध प्रभाव में आ जायेंगे। उन्होंने दिल्ली में हुए ‘द एनर्जी फोरम’ में कहा कि दो तेल कंपनियों ने नवंबर में ईरान से तेल खरीदने का आर्डर दिया है ... हमें नहीं पता कि हमें छूट (अमेरिकी पाबंदी) मिलेगी या नहीं।
यह पहला मौका है जब प्रधान ने ईरान पर चार नवंबर से लगने वाली अमेरिकी पाबंदी के बाद वहां से तेल खरीदने को लेकर भारत के रुख के बारे में बोला है। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत की अपनी ऊर्जा जरूरतें हैं जिन्हें पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्र हित को देखते हुए फैसला करेंगे।
इंडियन आयल कारपोरेशन (IOC) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि उनकी कंपनी उन दो कंपनियों में शामिल है जिन्होंने नवंबर के लिये आर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी जरूरत के मुताबिक तेल आयात का आर्डर दिया है। IOC और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लि. (MRPL) ने मिलकर ईरान से कुल मिलाकर 12.5 लाख टन कच्चा तेल खरीदने का आर्डर दिया है।
सिंह ने कहा कि ईरान तेल के लिये भुगतान के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध चार नवंबर से लागू हो जायेंगे। इसमें डालर में भुगतान मार्गों को बंद किया जाएगा। रुपए में भुगतान एक विकल्प है। ईरान रुपए का उपयोग औषधि तथा अन्य वस्तुओं के आयात के निपटान में कर सकता है। उन्होंने कहा कि पाबंदी के बाद भी ईरान रुपये में भुगतान स्वीकार कर रहा है। देखते हैं चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।
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