भारत का चीनी उत्पादन चीनी वर्ष 2021 में 12 प्रतिशत बढ़कर 3.05 करोड़ टन होने की संभावना: इक्रा
चीनी की कीमतों में किसी भी बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता के कारण अक्टूबर से शुरु होने वाले चीनी वर्ष 2021 के दौरान घरेलू चीनी उत्पादन 12 प्रतिशत बढ़कर 3.05 करोड़ टन होने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इक्रा ने कहा कि इथेनॉल निर्माण के लिए भारी शीरे और गन्ना रस के हस्तांतरण के प्रभावों को समायोजित करने के बाद, चीनी वर्ष (एसवाई) 2021 में भारत में चीनी उत्पादन वर्ष दर वर्ष 12.1 प्रतिशत बढ़कर 3.05 करोड़ टन होने की संभावना है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में अधिक उत्पादन होने की वजह से चीनी वर्ष 2021 में चीनी उत्पादन में वृद्धि होने के आसार हैं, जो पिछले वर्ष सूखे के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ था।
इक्रा ने 2.5 करोड़ टन (वर्ष दर वर्ष आधार पर 3.8 प्रतिशत की गिरावट) की खपत और 50 से 55 लाख टन के निर्यात पर विचार करने के बाद चीनी वर्ष 2020 में शेष बचा स्टॉक 1.1 - 1.15 करोड़ टन रहने की उम्मीद जताई है। इसके साथ साथ चीनी वर्ष 2021 में अधिक चीनी उत्पादन के कारण घरेलू चीनी की उपलब्धता लगभग 4.2 करोड़ टन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में जारी चीनी के अधिशेष उत्पादन होने के परिदृश्य में, उद्योग की लाभप्रदता को बनाये रखने के लिए निरंतर सरकारी समर्थन महत्वपूर्ण होगा। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन सालाना आधार पर 64 प्रतिशत बढ़कर 1.01 करोड़ टन और कर्नाटक में वर्ष दर वर्ष 26 प्रतिशत बढ़कर चीनी वर्ष 2021 में लगभग 43 लाख टन होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन वर्ष दर वर्ष तीन प्रतिशत घटकर 1.23 करोड़ टन रहने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार चीनी निर्यात का आकार भी चीनी वर्ष 2020 के आंकड़ों के स्तर पर ही बना रहेगा। इसके अनुसार खपत बढ़ने और चीनी निर्यात की गति में बढ़ोतरी से निकट अवधि में चीनी की कीमतों को समर्थन मिलने की संभावना है। रिपोर्ट में हालांकि, चीनी अधिशेष परिदृश्य को देखते हुए, चीनी की कीमतों में किसी भी महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना से इंकार किया है।