इलायची निर्यात में 72% गिरावट, जानिए लालमिर्च सहित जीरा, हल्दी, धनिया का कैसा रहा निर्यात
देश से मसालों के निर्यात में कुछ उठाव आया है लेकिन छोटी इलायची के निर्यात में 72 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है।
नई दिल्ली। देश से मसालों के निर्यात में कुछ उठाव आया है लेकिन छोटी इलायची के निर्यात में 72 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है। भारतीय मसाला बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही यानि अप्रैल से सितंबर 2019 के दौरान देश से सिर्फ 405 टन छोटी इलायची का निर्यात हो पाया है जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही के दौरान 1425 टन छोटी इलायची एक्सपोर्ट हुई थी।
मसालों के निर्यात को लेकर अन्य मसालों की बात करें तो इस बार मिर्च के निर्यात में 4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। मिर्च का चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में 2,43,000 टन निर्यात हुआ है जिसकी कीमत 296170 लाख रुपए है। जबकि, पिछले वर्ष की समान छमाही (अप्रैल-सितंबर 2018) में 234,170 टन था, जिसकी कीमत 269804.10 लाख रुपए थी।
अगर बात जीरा निर्यात की करें तो इस बार पहली छमाही में 6 फीसदी अधिक निर्यात किया गया है। अप्रैल-सितंबर 2019 की पहली छमाही में 113,000 टन जीरा का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 175100 लाख रुपए है जबकि, पिछले साल की समान छमाही में 166,540 लाख रुपए के 106500 टन जीरा का निर्यात किया गया था।
इस बार हल्दी का निर्यात 1 फीसदी ही बढ़ा है। हल्दी का निर्यात चालू वित्त वर्ष अप्रैल से सितंबर 2019 के दौरान पहली छमाही में 67,500 टन हल्दी का निर्यात किया गया है। जबकि, पिछले साल की समान छमाही में 66,800 टन हल्दी का निर्यात किया गया था। अगर कीमत की तुलना की जाए तो इस बार 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
सूखा अदरक के निर्यात की बात करें तो इसमें 31 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। अप्रैल-सितंबर 2019 की पहली छमाही में 20,055.00 लाख रुपए की कीमत के 11,910 टन सूखा अदरक का निर्यात किया गया है। जबकि, पिछले साल की छमाही (अप्रैल-सितंबर 2018) में 9,075 टन सूखे अदरक का निर्यात किया गया था, जिसकी कुल कीमत 9,801 लाख रुपए थी।
धनिया के निर्यात की बात करें तो इस बार पहली छमाही में 19,160 लाख रुपए के 24,500 टन धनिया का निर्यात किया गया है। जोकि, अप्रैल-सितंबर 2018 में 24,450 टन था। सौंफ निर्यात की बात करें तो इस बार पहली छमाही में 13,200 टन निर्यात किया गया है जिसकी कीमत 12,672.00 लाख रुपए है। पिछले साल की समान अवधि में सौंफ का निर्यात 13,175 टन था जिसकी कीमत 12,252.50 लाख रुपए थी। लहसुन के निर्यात की बात करें तो 14750 टन किया गया है। पिछले साल की समान अवधि में इसके निर्यात की कीमत में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मेथी दाना के निर्यात की बात की जाए तो अप्रैल-सितंबर 2019 की पहली छमाही में 20 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही यानि अप्रैल से सितंबर 2019 के दौरान 10,860 टन मेथी दाना का निर्यात किया गया है, जिसकी कीमत 6,516.60 लाख रुपए है। जबकि अप्रैल-सितंबर 2018 की छमाही में 13,575 टन मेथी दाना का निर्यात किया गया था।
छोटी इलायची के निर्यात की बात करें तो इस बार इसके निर्यात में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल-सितंबर 2019 की पहली छमाही में 6,452 लाख रुपए की कीमत की केवल 405 टन छोटी इलायची का निर्यात किया गया है। जबकि पिछले साल की समान अवधि (अप्रैल-सितंबर 2018) में 1425 टन इलाचयी का निर्यात किया गया था, जिसकी कीमत 17,818.50 लाख रुपए थी। कीमत की तुलना की जाए तो इस बार 64 फीसदी कमी देखने को मिल रही है।
अगर बड़ी इलायची की बात करें तो इस बार इसके निर्यात में 9 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है। इस बार 500 टन बड़ी इलायची का निर्यात किया गया है जबकि पिछली बार 460 टन बड़ी इलायची का निर्यात किया गया था। कीमत की तुलना की जाए तो अप्रैल-सितंबर 2019 में 2,987.50 लाख रुपए की बड़ी इलायची का निर्यात किया गया है जबकि अप्रैल-सितंबर 2018 में 2,951.40 लाख रुपए की बड़ी इलायची का निर्यात किया गया था, जो कि इस बार 1 प्रतिशत अधिक है।
अजवायन के निर्यात की बात करें तो इस बार पहली छमाही में इसमें 7 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल रही है। इस बार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही यानि अप्रैल से सितंबर 2019 के दौरान अजवायन 3260 टन किया गया है।
कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही यानि अप्रैल से सितंबर 2019 के दौरान कुल 579790 टन मसालों का निर्यात किया गया है जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल समान अवधि (अप्रैल-सितंबर छमाही 2018) में 566550 टन मसालों का निर्यात किया गया था।