नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग को घरेलू कालाधन का पता लगाने के लिए शुरू की गई आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत घोषित धन-संपत्ति के पक्के मूल्यांकन में अभी कम से कम एक सप्ताह लग सकता है, क्योंकि विभाग डाक से भेजे गए ब्योरों की जांच पड़ताल कर रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए स्विट्जरलैंड से और अधिक सहयोग की अपेक्षा जताई है।
- अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी घोषणाओं में फर्जी तरीके से किसी दूसरे करदाताओं के बारे में ब्योरे दाखिल न करा दिए गए हों, जिन्हें इस बारे में पता ही न हो।
- डाक से प्रस्तुत विवरणों की वास्तविकता जानने के लिए भौतिक पुष्टि की जा रही है।
- कुछ ऐसे मामले भी हो सकते हैं, जिनमें किसी ने किसी अन्य के नाम से कालेधन का विवरण दाखिल करा दिया गया हो, जबकि दूसरे ने ऐसी किसी धन संपत्ति की घोषणा की ही न हो।
- इस योजना के तहत घोषित धन-संपत्ति पर टैक्स और दंड आदि मिला कर 45 प्रतिशत की वसूली कर उसे नियमित कर दिया जाएगा।
- इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दाखिले में ज्यादा समस्या आने की संभावना नहीं है पर डाक द्वारा प्रस्तुत विवरणों में सावधानी की जरूरत है।
IT डिपार्टमेंट के छापा मारने में हुई 300% वृद्धि, सरकारी खजाने में आए 3,360 करोड़ रुपए
भारत-स्विट्जरलैंड के बीच हुई बातचीत
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां स्विस कन्फेडरेशन की न्याय व पुलिस मंत्री सिमोनतो सोमारूगा के समक्ष यह बात रखी।
- आधिकारिक बयान के अनुसार सिंह ने सोमारूगा से कहा है कि चूंकि कालाधन भ्रष्टाचार का मुख्य मुद्दा है इसलिए भारत कर सूचनाओं के आदान प्रदान के मामले में स्विट्जरलैंड के साथ सहयोग करना चाहता है।
- इस अवसर पर दोनों पक्षों ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए है। इनमें राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए साझा वीजा छूट समझौता, अवैध आव्रजकों की पहचान व उनकी वापसी के लिए तकनीकी समझौता तथा राजनयिकों के आश्रितों के लिए व्यवस्था से जुड़ा समझौता शामिल है।
Latest Business News