नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को भारत की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ल्ड बैंक से 5 से 7 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपए) की मदद देने की मांग की है।
वर्ल्ड बैंक की मुख्य कार्यकारी क्रिस्टालिना जॉर्जिवा की भारत यात्रा के दौरान मुलाकात के बाद जेटली ने अपने बयान में कहा कि,
कई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हमें वर्तमान में 5 से 7 अरब डॉलर की जरूरत है। इसके लिए विश्व बैंक से मिलने वाले सहयोग में बढ़ोतरी जरूरी हो गई है।
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- भारत ने वित्तीय सहायता मांगने का फैसला केवल विश्व बैंक के इंटरनैशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन ऐंड डिवेलपमेंट (IBRD) के जरिए किया है।
- इसकी वजह यह है कि विश्व बैंक से संबंध इंटरनैशनल डिवेलपमेंट एजेंसी (IDA) ने भारत के सहायता लेने पर रोक लगा दी है।
- विश्व बैंक का संस्थान IBRD मिडिल इनकम देशों को लोन की पेशकश करता है।
- जबकि IDA बेहद गरीब विकासशील देशों को लोन और अनुदान देता है।
- जेटली ने बैंक समूह की पूंजी में बढ़ोतरी पर भी जोर दिया।
- उन्होंने वर्ल्ड बैंक से अपील की कि वह कमिटमेंट शुल्क हटाकर अपने ब्याज दरों में कमी करे।
जेटली ने कहा
वर्ल्ड बैंक को फाइनेंस के नए तरीके खोजने चाहिए और AAA रेटिंग वाले संगठनों को सॉवरन गारंटी की शर्तों में ढील देनी चाहिए।
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भारत और विश्व बैंक के बीच पार्टनरशिप को समझने दो दिवसीय दौरे पर भारत आईं जॉर्जिवा ने RBI के गवर्नर उर्जित पटेल से भी मुलाकात की। इसके साथ ही जॉर्जिवा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और राज्य में वर्ल्ड बैंक प्रॉजेक्ट्स के बारे में जाना।
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