नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 में करीब 3,500 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास पंजीकरण कराया है। यह निवेश के लिहाज से भारत के आकर्षक गंतव्य बने रहने का संकेत है।
विशेषज्ञों के अनुसार एफपीआई भारत को एक तरजीही और स्थिर बाजार के रूप में देखता है, जिसका कारण वृहत आर्थिक स्थिरता, दीर्घकालीन वृद्धि संभावना और मौजूदा आर्थिक सुधार है। इसके अलावा सेबी ने भी भारत को बेहतर और आकर्षक बाजार बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
जिंस बोर्डों के विलय के लिए एचआर, कानूनी मुद्दों का अध्ययन कर रहा है वाणिज्य मंत्रालय
वाणिज्य मंत्रालय जिंस बोर्डों का विलय एक प्रमुख निकाय के रूप में करने के लिए मानव संसाधन (एचआर) और कानूनी मुद्दों को हल करने का प्रयास कर रहा है। इससे बागवानी फसलों मसलन चाय, कॉफी और मसालों का उत्पादन और निर्यात सुधारा जा सकेगा।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत पांच जिंस बोर्ड चाय, कॉफी, रबड़, मसाले और तंबाकू के उत्पादन, विकास और निर्यात के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हम विलय की संभावना तलाश रहे हैं। मानव संसाधन, कानूनी और विधायी मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि एक प्रमुख बोर्ड से संबंधित सेवाओं को बेहतर तरीके से सेवाएं दी जा सकेंगी।
कॉफी बोर्ड एक सांविधिक संगठन है, जिसका गठन कॉफी कानून, 1942 के तहत हुआ है। रबड़ बोर्ड का गठन रबड़ कानून, 1947 के तहत हुआ है। टी बोर्ड की स्थापना एक अप्रैल, 1954 को चाय कानून, 1953 और तंबाकू बोर्ड की स्थापना जनवरी, 1976 में हुई थी। स्पाइस बोर्ड फरवरी, 1987 में अस्तित्व में आया था।
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