नई दिल्ली। देश के सेवा क्षेत्र में गतिविधियों की वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है और अप्रैल में यह सात महीने के निचले स्तर पर रही है। इसकी अहम वजह नए कारोबार का धीमा होना और आम चुनावों के चलते व्यवधान पैदा होना है। कंपनियों के परचेजिंग मैनेजर के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सोमवार को सामने आई है।
हालांकि सर्वेक्षण में चुनाव बाद आर्थिक हालात बेहतर होने का अनुमान जताया गया है, जिससे सेवा क्षेत्र का परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है और यह रोजगार को भी बढ़ावा देने में मदद करेगा। निक्की इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (पीएमआई) अप्रैल में 51 अंक पर रहा, जो मार्च में 52 अंक पर था। यह पिछले साल सितंबर के बाद का सबसे निचला स्तर है।
हालांकि पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार और 50 अंक से नीचे से रहना गतिविधियों में संकुचन को दिखाता है। इस प्रकार अप्रैल में सेवा गतिविधियों में विस्तार तो हुआ है लेकिन वह पिछले सात महीने के सापेक्ष में सबसे निचला स्तर है। जबकि यह लगातार 11वां महीना है जब सेवा क्षेत्र 50 अंक से ऊपर रहा है।
आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका पॉलीयाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि दर के दौर से गुजर रही है। इसकी एक बड़ी वजह चुनावों के कारण आया व्यवधान है। सरकार बन जाने के बाद कंपनियों के हाल में सामान्यत: सुधार देखा जाएगा। देश में आम चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हुए हैं और इसका परिणाम 23 मई को आएगा।
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